scriptअमरीका में नौकरी और बड़े पैकेज को किया मना, आईएएस बने युवा | Youth turned down job and big package in America to become IAS | Patrika News
खास खबर

अमरीका में नौकरी और बड़े पैकेज को किया मना, आईएएस बने युवा

भारतीय सिविल सर्विसेज परीक्षा में बालोतरा के विजय राघव गोयल ने कामयाबी हासिल की। सामान्य श्रेणी में पूरे देश में 229वीं रैंक प्राप्त करने वाले विजय ने चौथे प्रयास में यह सफलता प्राप्त की है। सरहदी चौहटन कस्बे के लाडले अक्षय डोसी ने यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षा में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

बाड़मेरApr 17, 2024 / 02:42 pm

Mahendra Trivedi

IAS akshya doshi family
भारतीय सिविल सर्विसेज परीक्षा में बालोतरा के विजय राघव गोयल ने कामयाबी हासिल की। सामान्य श्रेणी में पूरे देश में 229वीं रैंक प्राप्त करने वाले विजय ने चौथे प्रयास में यह सफलता प्राप्त की है। सरहदी चौहटन कस्बे के लाडले अक्षय डोसी ने यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षा में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। चौहटन के अक्षय का 75 वीं रैंक में फाइनल चयन होने पर समूचे सरहदी इलाके में खुशी की लहर छा गई।

देश सेवा की भावना को रखा ऊपर

आईआईटी पासआउट विजय राघव गोयल शुरुआत से ही मेधावी छात्र रहे है। आईआईटी के बाद अमरीका की एक कंपनी में प्लेसमेंट हुआ। कुछ वर्ष वहां पर नौकरी करने के बाद स्वदेश में सेवा करने की भावना को लेकर वह भारत लौटे। प्रथम प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की। दो प्रयासों में साक्षात्कार तक पहुंचा। लेकिन सफल नहीं हो पाए।

7-8 घंटे नियमित पढाई

घर पर ही सेल्फ स्टडी करने वाले विजय राघव ने बताया कि वह प्रतिदिन 7 से 8 घंटे पढ़ाई करते। इस बार कामयाबी होने को लेकर पूरा विश्वास था। टैक्सटाइल कारोबारी पिता जयप्रकाश गोयल, माता सीता गृहिणी,चार्टर्ड अकाउंट बहन निशा गोयल, भाई पवन राघव उनको हमेशा कामयाब होने के लिए प्रेरित करते थे। परिणाम पक्ष में नहीं रहने पर भी सकारात्मक सोच रख पढ़ाई करने की बात कहते।

देश सेवा करने की इच्छा

सफलता का श्रेय माता-पिता , गुरुजनों को देते हुए बताया कि वह कामयाब अधिकारी बन देश सेवा करने की इच्छा रखता है। विशेषकर कमजोर, पिछड़े वर्ग की सेवा करना जीवन का उदेश्य है। युवाओं के लिए संदेश देते हुए कहा कि कभी भी निराश नहीं हों। लगन रखे व मेहनत करके जीवन में कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है।

विफलता नहीं रोक पाई अक्षय की सफलता की राह

अक्षय पुत्र महेश कुमार डोसी वर्ष 2016 में खडग़पुर से आईआईटी पासआउट होने के बाद कई कंपनियों से उन्हें बड़े पैकेज के ऑफर मिले। लेकिन उन्होंने आईएएस की तैयारी करने के लिए दिल्ली की राह चुनी। अक्षय ने दिल्ली में रहकर जीतो संस्था (जैन इंटरनेशनल टेलेंट ऑर्गेनाइजेशन) में रहकर आईएएस की कोचिंग एवं तैयारी शुरू की। अक्षय का आईएएस के लिए यह छठा प्रयास था।

बड़ी खुशी आई घर

प्रतिभावान अक्षय का आरएएस 2023 में 165वीं रैंक में चयन हुआ था, आरएएस प्रशिक्षण के लिए कॉल का इंतजार था। इससे पहले आईएएस में फाइनल सलेक्शन का परिणाम आ गया। अक्षय का छोटा भाई शुभम जयपुर में आरएएस की तैयारी कर रहा है, पिता महेश कुमार डोसी एलआईसी में एमडीआरटी अभिकर्ता है।

दसवीं तक चौहटन में पढ़ाई

अक्षय ने दसवीं तक की शिक्षा चौहटन में रहकर बाल मंदिर विद्यालय में ग्रहण की। वहीं ग्यारवीं एवं बारहवीं की पढ़ाई कोटा में एक कोचिंग सेंटर में की जहां आईआईटी की तैयारी की। वर्ष 2011 में आईआईटी में प्रवेश के बाद 2016 में पास आउट हुआ, यहां उसने नीजि कंपनियों की ओर से मिले ऑफर को छोडकऱ यूपीएससी की तैयारियों में जुट गया था।

Home / Special / अमरीका में नौकरी और बड़े पैकेज को किया मना, आईएएस बने युवा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो