दरअसल भारतीय टीम ने 5 नवंबर-2017 यानि रविवार को चीन को पेनाल्टी शूटआउट में 5-4 से मात दी। इससे ठीक एक साल पहले यानि 5 नवंबर-2016 को भी इन दोनों टीमों के बीच ही एक हॉकी टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला खेला गया था और उस मुकाबले में भी भारतीय महिलाओं ने चीन को पीटकर खिताब अपने नाम किया था। ये टूर्नामेंट थी एशियन महिला हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी, जिसके 2016 संस्करण के फाइनल मैच में भारत ने चीन को 2-1 से हराकर खिताब अपने नाम किया था। अब रविवार को भारत ने वही परिणाम दोहरा दिया और वो भी एशिया स्तर की टूर्नामेंट में ही।
कप्तान रानी हैं जीत से बेहद खुश
टीम की कप्तान रानी रामपाल इस ऐतिहासिक जीत से खुश हैं। रानी ने कहा, हम सभी एशिया कप की जीत से काफी खुश हैं। हमने इसी के साथ मेरिट के आधार पर अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर लिया है। हमारी टीम में काफी युवा खिलाड़ी हैं,जिन्होंने इस बड़े प्लेटफॉर्म पर शानदार प्रदर्शन किया। चीन के खिलाफ सडन डेथ में विजयी गोल दागने वाली रानी ने कहा, टीम ने चीन को अच्छी चुनौती दी। चीन की टीम भी अच्छा खेली। यह उच्च स्तरीय प्रतिस्पद्र्धाा थी और हमने कभी भी अपने स्तर को नीचे नहीं आने दिया। सडन डेथ में सविता ने शानदार बचाव किया। मैं सडन डेथ में स्कोर कर खुश हूं। यह जीत हमारा और हमारे कोचिंग स्टाफ द्वारा पूरे साल किए गए कड़े परिश्रम का नतीजा है। रानी ने अपने देश के बोर्ड हॉकी इंडिया (एचआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, हम विशेष तौर पर एचआई और साई का उनके लगातार समर्थन के लिए शुक्रिया अदा करना चाहते हैं, जिन्होंने इस बात को सुनिश्चित किया कि हमें अच्छी से अच्छी सुविधाएं मिलें। इससे हमें अच्छा करने की प्रेरणा मिली। उम्मीद है कि हम इस प्रेरणा और आत्मविश्वास को आने वाले राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में भी जारी रख पाएंगे।