अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई ने आईसीसी को याद दिलाते हुए कहा कि अगर वित्तीय मॉडल के लिए दवाब बनाया गया तो वह एमपीए (मेंबर्स पार्टिसिपेशन एग्रीमेंट) में दिए गए अधिकारों का प्रयोग कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट की सूची में शामिल है और सोमवार को इस पर सुनवाई होनी है। सीओए ने साफ कर दिया है कि वो भारत के वित्तीय एकाधिकारों की पूरी रक्षा करेगी।
बीसीसीआई के पास रास्ते हैं ये यदि आईसीसी एमपीए का उल्लंघन करता है, तो बीसीसीआई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। एमपीए में कहा गया है कि जो देश 2015 से 2023 के बीच आईसीसी टूर्नामेंट्स का हिस्सा बनेंगे, उन्हें कुछ फायदे मिलेंगे।
बीसीसीआई के समर्थक देश भारत को बांग्लादेश, श्रीलंका और जिंबाब्वे का समर्थन प्राप्त है। कई लोगों का मानना है कि आईसीसी का यह प्रस्ताव पूर्व चेयरमैन शंशाक मनोहर की कोशिश है, जिससे भारतीय बोर्ड की दबदबा कम किया जा सकता है।