जानिए क्या है पूरा मामला
विनोद को क्लासीफिकेशन के एफ52 में रखा गया था। इसमें वो एथलीट हिस्सा लेते है, जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और मूवमेंट सीमित होते हैं, हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है। इस प्रतिस्पर्धा में खिलाड़ी बैठकर हिस्सा लेते हैं। रीढ़ की हड्डी में चोट वाले या जिन खिलाडियों का कोई अंग कटा हो, वे भी इसी वर्ग में हिस्सा लेते हैं। हालांकि विनोद कुमार का रिजल्ट क्यों और किस आधार पर होल्ड रखा गया है अभी यह स्पष्ट नहीं है। खेलों के आयोजकों के अनुसार, प्रतियोगिता में क्लासिफिकेशन निरीक्षण के कारण इस स्पर्धा का नतीजा अभी समीक्षा के अधीन है। पदक समारोह भी 30 अगस्त शाम तक के लिए टाल दिया गया है।
विनोद ने किया ये कमाल
विनोद कुमार ने डिस्कस थ्रो के एफ52 कैटेगरी में 19.91 मीटर के थ्रो के साथ एशियन रिकॉर्ड अपने नाम करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता। विनोद ने पहले प्रयास में 17.46 मीटर, दूसरे प्रयास में 18.32, तीसरे प्रयास में 17.80, चौथे प्रयास में 19.20 मीटर, पांचवें प्रयास में 19.91 मीटर और छठे प्रयास में 19.81 मीटर थ्रो किया। उनका पांचवां थ्रो 19.91 मीटर सर्वश्रेष्ठ माना गया। हालांकि, अब आयोजकों का फैसला आने के बाद ही मामले पर स्थिति साफ हो पाएगी।