scriptउम्मीद 2021 – समय है कुछ करने का, जीतने का, सुविधा बढ़ाने का, मैदानों को संवारने का | Patrika News
खेल

उम्मीद 2021 – समय है कुछ करने का, जीतने का, सुविधा बढ़ाने का, मैदानों को संवारने का

– भारतीय महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच मीररंजन नेगी ने खेलों को लेकर की बातचीत ।- पूर्व भारतीय गोलकीपर मीर रंजन नेगी की कोचिंग में भारत ने 1998 के एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। – जब मिलता है समय तो पूरा फोकस तैयारी पर होना चाहिए ।- खिलाडिय़ों और उनके पैरेंट्स के लिए ये प्रिपरेशन टाइम है। समय का सही उपयोग कर वे दक्षता हासिल कर सकते हैं।

नई दिल्लीDec 21, 2020 / 02:23 pm

विकास गुप्ता

उम्मीद 2021 - समय है कुछ करने का, जीतने का, सुविधा बढ़ाने का, मैदानों को संवारने का

उम्मीद 2021 – समय है कुछ करने का, जीतने का, सुविधा बढ़ाने का, मैदानों को संवारने का

भारतीय महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच मीररंजन नेगी का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरे देश के खेल जगत को प्रभावित किया है। स्कूल, कॉलेज अकादमी बंद, यहां तक के लॉकडाउन में तो मॉनिंग वॉक भी नहीं कर सकते थे। अभी खेल जगत अपनी लय नहीं पकड़ पाया है और न आने वाले कुछ दिनों तक स्थितियां सामान्य होती दिखाई दे रही हैं। खेल शिक्षकों के लिए साल बुरा रहा।

नेगी ने ये भी कहा कि लॉकडाउन के कारण कई खेलों के खिलाडिय़ों की उम्र बढ़ गई जिससे उनके आगे की पूरी प्लानिंग गड़बड़ा गई है। खेल गतिविधियां बंद होने से बच्चों के वजन भी बढ़ गए हैं। कुछ खेल जो शुरू हुए हैं पर बिना दर्शकों के ही। इससे स्पांसरशिप सहित अन्य आर्थिक पहलू प्रभावित हो रहे हैं। पर मेरी सोच है कि विपरित दौर में भी सदैव सकारात्मक सोच के साथ आगे बढऩे की जरूरत है। जब सारे मैदान, स्टेडियम सहित अन्य खेल सुविधाएं बंद हैं तो इस समय का इस्तमाल करते हुए उन्हें समृद्ध और आधुनिक करने की जरूरत है।

मुश्किलों में मौका तलाशते हुए खेलों की आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने का अच्छा मौका है। सरकार सहित खेल संगठनों को इसका फायदा उठाना चाहिए। मैदानों को नए सिरे से तैयार करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का यह सुनहरा मौका है। देश भर में ऐसे सैकड़ों खेल मैदान हैं जहां की स्थिति खराब है, यदि सरकार और खेल संगठन मिल जाएं तो उन्हें बेहतर किया जा सकता है। खिलाडिय़ों और उनके पालकों के लिए भी यह प्रिप्रेशन टाइम है। खेल शुरू होने के बाद बच्चों को कैसे आगे बढऩा है उसकी पूरी कार्ययोजना तैयार करने की जरूरत है। छोटे बच्चों को मैदान में आने की मनाही है। लेकिन घर पर ही उन्हें टिप्स दिए जा सकते हैं। बड़े बच्चों को शहर के आसपास के जिलों में ले जाकर वहां अभ्यास मैच में होने चाहिए। बस एक ही सीख के स्पोट्र्स मैन स्पीरिट के तहत कोरोना के चलते मिली एक साल की हार को भूल कर फिर मैदान संभालने का लक्ष्य लेकर तैयारी जारी रखें।

(इंटरव्यू: विकास मिश्रा)

Home / Sports / उम्मीद 2021 – समय है कुछ करने का, जीतने का, सुविधा बढ़ाने का, मैदानों को संवारने का

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो