जमुना इस बात से अच्छे से वाकिफ हैं कि आत्मविश्वास हासिल करने के बाद अब उन्हें अपनी कमियों पर काम करने की जरूरत है, तभी वह अपने ओलम्पिक खेलने और पदक जीतने के सपने को पूरा कर पाएंगी।
विश्व चैम्पियनशिप के बाद भारत लौटी जमुना ने कहा, “मैंने पहली बार सीनियर विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और कांस्य जीता। मैं पहली बार में इतना अच्छा कर पाई तो उम्मीद है आगे और अच्छा कर सकूंगी। मुझे लगता है कि इससे ज्यादा मेहनत करूंगी तो शायद और बेहतर पदक ला सकती हूं। इस पदक ने मुझे अच्छा करने का आत्मविश्वास दिया है।”
जमुना 54 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की हूआंग सियाओ-वेन के 5-0 से हार का सामना कर कांस्य से ही संतोष करना पड़ा। जमुना के लिए अब अगला लक्ष्य ओलम्पिक है, जिसके लिए उन्हें क्वालीफायर खेलने हैं। जमुना कहती हैं कि इसके लिए अब उन्हें और कड़ी मेहतन करनी होगी।
असम की रहने वाली जमुना कहती हैं, “आगे जाने के लिए मुझे अपनी ट्रेनिंग को मजबूत करना होगा। मुझे अपने अटैक पर काम करने की जरूरत है। स्टैंग्थ की जरूरत है। बॉडी फुटवर्क, अटैक मजबूत करने की जरूरत है। काउंटर डिफेंस मेरा मजबूत है। मैं अधिकतर काउंटर पर खेलती हूं। ओलम्पिक में क्वालीफाई करने के लिए और ज्यादा मेहनत करना होगा। क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट भी है। यह समय के साथ ही पता चलेगा कि कितनी मेहनत करनी है।” जमुना जब विश्व चैम्पियनशिप में जा रही थीं तब उनकी कोशिश थी की वह बड़े से बड़ा पदक जीतें। उन्हें हालांकि इस बात का पछतावा नहीं है कि वह रजत या स्वर्ण नहीं जीत पाईं। वह कांसा जीत कर खुश हैं।