संन्यास पर फैसला
एक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘मैं 2019 के आखिर में फैसला करूंगा। हर किसी को कभी न कभी यह फैसला लेना पड़ता है। मैं साल 2000 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा हूं। करीब 17-18 साल हो गए हैं। इसलिए मैं अब 2019 के आखिरी में जरूर फैसला करूंगा।’
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युवा दिलों की धड़कन
बता दें कि युवराज कभी युवा दिलों की धड़कन हुआ करते थे। युवी का संन्यास लेना क्रिकेट प्रेमियों के लिए निश्चित तौर पर एक बड़ा झटका होगा। अपने पहले ही मैच में युवी ने 84 रनों की पारी खेल कर भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत दिलाई थी।
बुरे दौर से निकाला
युवराज के क्रिकेट स्टार का सफर बहुत ही शानदार रहा है। आपको बता दें कि जब युवराज सिंह भारतीय टीम में हुआ करते थे उस समय उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला था। उस दौर में भारतीय क्रिकेट टीम बहुत ही बुरी स्थिति से गुजर रही थी। भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था और पूरी टीम बिखर चुकी थी।
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गांगुली ने खोजा था युवराज को
युवी जिस दौर में भारतीय टीम में खेला करत थे उस समय सौरव गांगुली को नया कप्तान बनाया गया था। ऐसा मना जाता है कि युवराज सिंह गांगुली की ही खोज थे। युवराज सिंह ने अपने पहले मैच में ग्लेन मैकग्राथ जैसे खतरनाक बॉलर जिससे उस समय सभी बल्लेबाज कांपते थे, उन्होंने उनका सामना कर एक शानदार पारी खेली थी।
लगाए थे 6 गेंदों में 6 छक्के
युवराज की बदौलत भारतीय टीम ने उस समय कई मैच जीते जब ऑस्ट्रेलिया की टीम अपन चरम पर थी। युवी ने अपने बल्लेबाजी के दम पर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। वहीं, 2007 के टी-20 विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंदों में 6 छक्के लगाकर विश्व क्रिकेट में तहलका मचा दिया था।