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श्री गंगानगर

1500 जाति और मूल निवास प्रमाण पत्र पेंडिंग

-तहसील में स्टाफ की कमी से आई परेशानी

श्री गंगानगरJul 02, 2018 / 08:06 am

pawan uppal

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1500 जाति और मूल निवास प्रमाण पत्र पेंडिंग

श्रीगंगानगर.

तहसील कार्यालय में काफी समय से मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र के आवेदनों की सूची बढ़ती ही जा रही है। जून माह के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 1500 को पार कर गया है। इस संबंध में कलक्टर और एसडीएम को शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन समस्या जस की तस है। तहसील कार्यालय में इस समय मूल निवास के 697 और जाति प्रमाण पत्र के 863 प्रकरण बकाया हैं। आवेदकों ने इन प्रमाण पत्रों के लिए पटवारियों से रिपोर्ट करवाकर ऑनलाइन आवेदन कर रखे हैं।
ये सभी मामले तहसीलदार स्तर पर लम्बित हैं। सफाई कर्मचारी भर्ती के साथ-साथ अन्य सरकारी विभागों में निकली भर्तियों के कारण मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदनों की संख्या में लगातार इजाफा होता गया। सरकारी भर्तियों के चलते कई आवेदकों ने तहसील कार्यालय की ओर से जारी स्लिप ही साथ लगा दी। अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के भी जाति और मूल निवास प्रमाण पत्र लम्बित हैं।
इसको लेकर कलक्टर ने तहसीलदार को सख्त भाषा में अद्र्धशासकीय पत्र भेजा, जिसमें जाति और मूल निवास प्रमाण पत्र जल्द जारी करने के निर्देश दिए गए। इसके बाद तहसीलदार ने तहसील कार्यालय में सूचना सहायक को नोटिस जारी कर दिया। सूत्र बताते हैं कि गंगानगर तहसील क्षेत्र में आबादी क्षेत्र के हिसाब से मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए कार्यालय में स्टाफ की कमी है। दोनों ही प्रमाण पत्रों को लेने के लिए सप्ताह में सातों दिन ई-मित्रा के जरिए आवेदन होते हैं, जबकि तहसील कार्यालय में संबंधित प्रमाण पत्र निपटाने का काम 5 दिन ही किया जाता है। गंगानगर तहसील में 313 गांव-चक और शहरी क्षेत्र शामिल हैं। इससे आवेदनों की सूची लगातार बढ़ रही है।
ई-मित्र संचालक भी दोषी
ई-मित्र संचालकों की ओर से हर आवेदकों को दोबारा मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कहा जाता है। हकीकत में एससी-एसटी के लिए एक बार ही जाति प्रमाण पत्र बनता है, जबकि ओबीसी वर्ग का बनवाया हुआ जाति प्रमाण पत्र तीन साल के लिए मान्य है। ई-मित्रा संचालक संबंधित लोगों को इस बारे में कुछ भी नहीं बताते।

इनका कहना है
मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र के प्रकरणों को तेजी से निपटाया गया है। अब 23 जून के बाद के ही आवेदन लम्बित है। इन्हें भी समय पर जारी कर दिया जाएगा।
सुरेन्द्र पारीक, तहसीलदार, श्रीगंगानगर।

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