हंगामे की सूचना मिलते ही राजियासर और जैतसर के साथ-साथ सूरतगढ़ सदर थाने के पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की लेकिन ग्रामीण दोनों कांस्टेबलों को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे। आखिर तीन दौर की वार्ता के बाद सहमति बनने पर धरना उठा लिया गया।
प्रकरण के अनुसार चोरी के एक पुराने मामले में आरोपी गुलाब सिंह की बुधवार को तबीयत बिगड़ गई। जिसे श्रीगंगानगर भर्ती करवाया गया था लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के पुत्र गौरीशंकर सहित अन्य ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 12 फरवरी को राजियासर पुलिस के दो कांस्टेबल वारंट लेकर उसके पिता गुलाब सिंह को पकडऩे के लिए बीरमाना गांव आए थे। आरोप है कि पुलिस कांस्टेबल राकेश व राजेश ने गुलाब सिंह से मारपीट की। बचने के लिए वह भेड़ों के बाड़े में कूद गया जिससे उसका पैर फे्रक्चर हो गया।
जिसे पुलिस ने ही श्रीगंगानगर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। 16 फरवरी को गुलाब सिंह को छुट्टी दे दी गई। लेकिन बुधवार तबीयत फिर से बिगड़ गई। जिस पर उसे गंगानगर भर्ती कराया लेकिन वहां उपचार के दौरान गुलाब सिंह की मौत हो गई। ग्रामीणों ने आरोप लगया कि गुलाब सिंह की मौत पुलिस पिटाई से हुई।
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-आठ घंटे बाद बनी सहमती
-ग्रामीणों के शव लेकर धरने पर बैठने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में अन्य ग्रामीण व जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। दो वार्ताओं में सहमति नहीं बनने के बाद ग्रामीणों व परिजनों को मिलाकर कमेटी बनाई गई। वार्ता में राजियासर पुलिस के दोनों सिपाही राजेश व राकेश पर उचित कार्रवाई करने सहित पुलिस की ओर से राजकार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में दर्ज मुकदमे में एफआर लगाने तथा शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने पर सहमति बनी। जिसके बाद ग्रामीणों ने धरना उठा दिया। कमेटी में बिशन सिंह, डूंगरराम गेदर, मृतक के पिता रणजीत सिंह, बेटा गौरीशंकर, रामेश्वरलाल, ओमप्रकाश गेदर, डायरेक्टर कृष्णकुमार स्वामी आदि शामिल थे।
जबकि पुलिस प्रशासन की ओर से संगरिया थाने के सीआइ इंद्रजीत मारवाल, सूरतगढ़ सदर थाना अधिकारी पवन कुमार व जैतसर पुलिस थानाधिकारी दिगपाल सिंह शामिल हुए। धरना उठाने के बाद मृतक का शव को सूरतगढ़ के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। जहां परिजनों व पुलिस की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ।
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-पुलिस का पक्ष
-सूरतगढ़ पुलिस उप अधीक्षक विद्याप्रकाश ने बताया कि 12 फरवरी को जब राजियासर थाने के जवान वारंट तामील कराने के लिए बीरमाना गए तो आरोपी की पत्नी व पुत्र ने पुलिस कर्मियों को घर के भीतर नहीं घुसने दिया। जिसके बाद राजियासर थाने से अतिरिक्त जाब्ता मंगवाया गया। अतिरिक्त जाब्ता को देखकर आरोपी गुलाब सिंह ने दीवार फांदकर भागने की कोशिश की।
इससे उसके पैर फै्रक्चर हो गया था। पुलिस ने गुलाब सिंह को श्रीगंगानगर के राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया वहां से उपचार के बाद उसे 16 फरवरी को छुट्टी भी मिल गई। बुधवार को आरोपी की फिर तबीयत बिगड़ गई जिससे उसकी मौत हो गई। चिकित्सकों की रिपोर्ट में गुलाब सिंह की मौत का कारण लीवर खराब होना बताया गया है। फिर भी ग्रामीणों की मांग पर मृतक का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया गया है।