16 साल बाद लिंक नहर में पानी डाला तो खिल उठी हरियाली, आकर्षण का केन्द्र बने सफेद कमल
लॉक डाउन में सीमा सील करने के लिए डाला गया था लिंक नहर में पानी
श्री गंगानगर•Jun 07, 2020 / 12:02 am•
Raj Singh
16 साल बाद लिंक नहर में पानी डाला तो खिल उठी हरियाली, आकर्षण का केन्द्र बने सफेद कमल
श्रीगंगानगर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लॉक डाउन में यहां पंजाब सीमा पर अवैध रूप से आवागमन रोकने को 16 साल बाद लिंक नहर में पानी छोडऩे से अब वहां हरियाली मुस्करा रही है। नहर में खिले सफेद कमल के फूल लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
लॉक डाउन के बाद पुलिस की ओर से पंजाब सीमा पर नाकेबंदी कर दी गई थी और इलाके में कच्चे रास्तों को भी सील कर दिया गया था लेकिन लोग फिर से खेतों से होकर इधर-उधर आ जा रहे थे। इसके लिए ग्रामीणों को भी समझाइस की गई थी लेकिन आवागमन नहीं रुक पाया था। इस पर प्रशासनिक, पुलिस व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने चर्चा करके सालों से सूखी पड़ी लिंक नहर से लोगों का आना-जाना रोकने को लेकर चर्चा की। इसके बाद सहमति से सिंचाई विभाग की ओर से अपे्रल माह में इस लिंक नहर में पानी छोड़ दिया गया। करीब 16 साल से सूखी पड़ी लिंक नहर में पानी भर दिया गया थ। यह लिंक नहर गंग नहर हैड से हरियाणा के लोहगढ़ हैड तक जाती है। इस नहर को किसानों को पानी देने के लिए वैकल्पिक नहर के रूप में बनाया था। यह एकदम पंजाब सीमा से लगती हुई है। वहीं पुलिस का साधुवाली नाका है। धीरे-धीरे नहर में पानी कम होता गया और हरियाली छाती गई। यहां पुल के पास नहर में पानी भरा हुआ है, जिसमें सफेद कमल के फूल खिले हुए हैं। जो यहां से निकलने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हैं। नहर के किनारे रहने वाले प्रकृति प्रेमी एवं सेवानिवृत पुलिस इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह भादू ने बताया कि सालों से सूखी पड़ी नहर में पानी आया तो यहां हरियाली छा गई है। इससे यहां वन्यजीवों, पक्षियों व पशुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी है। साथ ही यहां हरी घास खाने के लिए पशु आ रहे हैं। साथ ही कई तरह के पेड़-पौधे भी पनप रहे हैं। इनमें एक सफेद कमल भी है। जो इलाके में बहुत ही कम दिखाई देता है।
Home / Sri Ganganagar / 16 साल बाद लिंक नहर में पानी डाला तो खिल उठी हरियाली, आकर्षण का केन्द्र बने सफेद कमल