scriptप्रतिभाओं को तराशने के लिए बना द्रोणाचार्य | Ar.y soldier giving training to the telents | Patrika News
श्री गंगानगर

प्रतिभाओं को तराशने के लिए बना द्रोणाचार्य

https://www.patrika.com/sri-ganganagar-news/

श्री गंगानगरJan 11, 2019 / 01:06 pm

Rajaender pal nikka

training

प्रतिभाओं को तराशने के लिए बना द्रोणाचार्य

संसाधनों के अभाव में सेना में चयन होने के बाद गरीब व जरुरतमंद युवाओं को भी निशुल्क नियमित रूप से शारीरिक प्रशिक्षण दे रहा है
सूरतगढ़.अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कुछ भी कार्य असंभव नहीं है। यह बात एक ग्रामीण युवा ने चरितार्थ कर दिखाई है। संसाधनों के अभाव में सेना में चयन होने के बाद गरीब व जरुरतमंद युवाओं को भी निशुल्क नियमित रूप से शारीरिक प्रशिक्षण दे रहा है। यह है सेना का हवलदार वार्ड दो निवासी गुरप्रेम सिंह मान।
सूरतगढ़ के ग्राम पंचायत संघर के चक 1 एलएलपी निवासी रणधीर सिंह मान के घर 6 जून 1986 को प्रेम सिंह मान का जन्म हुआ। गुरप्रेमसिंह का शुरूआती जीवन संघर्षपूर्ण रहा। वर्ष 2004 में सेना में भर्ती हुए गुरप्रेम सिंह मान वर्ष 2005 से सेना में बॉक्सिंग खेलना प्रारम्भ किया। कुछ माह बाद ही गुरप्रेम सिंह मान का चयन सेना के सबसे बड़े विंग आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में हुआ।
उन्होंने मार्च 2006 में गोवा में हुई बॉक्सिंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल करके क्षेत्र के साथ साथ सेना का नाम रोशन किया। इसी उपलब्धि की वजह से उनका चयन भारतीय बॉक्सिंग टीम में हुआ। इसके बाद उज्बेकिस्तान में भारत की तरफ खेलने का भी मौका मिला तथा रजत पदक हासिल किया।
दस स्वर्ण पदक पर चला गुरप्रेम का पंच
सेना में बॉक्सिंग की अच्छा प्रशिक्षण मिलने की वजह से गुरप्रेम सिंह मान एक अन्तरराष्ट्रीय, छह राष्ट्रीय, चार फैडरेशन कप, पांच ऑल इण्डिया टूर्नामेंट, तीन इंटर सर्विसेज, आठ इंटर आर्मी चैम्पियनशिप खेल चुके हैं। अबतक गुरप्रेम सिंह मान बीस पदक जीत चुके हैं।
इसमें दस स्वर्ण, छह कांस्य व चार रजत पदक शामिल है। उनका कहना है कि अगर सही समय बॉक्सिंग खेल से जुड़ता तो आज और भी बड़ा मुकाम हासिल कर सकता था। एक चोट की वजह से बॉक्सिंग खेलना छोडऩा पड़ा। इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी है। अब वे युवाओं को भी शारीरिक प्रशिक्षण देकर तैयार कर रहे हैं।
प्रशिक्षण से मिली युवाओं को मंजिल
सेना के हवलदार गुरप्रेम सिंह मान ने बताया कि सेना की नौकरी करते समय वह यहां वार्ड दो में रहने लगा तथा गरीब व जरुरतमंद बच्चों को निशुल्क शारीरिक प्रशिक्षण देकर उन्हें सरकारी नौकरी में सहायता करने का लक्ष्य तय किया। नवम्बर 2017 को एवरग्रीन खेलो सूरतगढ़ नाम से क्लब गठित कर नगरपालिका स्टेडियम में युवाओं को निशुल्क शारीरिक प्रशिक्षण करवाना प्रारम्भ किया। वर्तमान में संस्थान के बैनर तले 150 युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अब तक सेना में 19, राजस्थान पुलिस कांस्टेबल में 22, पंजाब व उत्तर प्रदेश पुलिस में 1-1 युवा का चयन हो चुका है। इसके अलावा 23 दिसम्बर 2018 में करणपुर में सेना की ओर से आयोजित 21 किलोमीटर मैराथन में स्थानीय निवासी क्लब के एथलीट ग्यारह वर्षीय छात्र अजय कुमार ने प्रथम स्थान हासिल किया। वही 30 दिसम्बर 2018 में अलवर में आयोजित राजस्थान स्टेट ओपन क्रॉस कंट्री चैम्पियनशिप में स्थानीय निवासी व क्लब की प्रमिला जाट ने कांस्य पदक जीता।
प्रमिला का 20 जनवरी को मथुरा में होने वाली ऑल इण्डिया नेशनल चैम्पियनशिप के लिए चयन हुआ है। गुरप्रेम सिंह मान वर्तमान में झारखण्ड के रांची में कार्यरत है। क्लब के प्रशिक्षक सलीम अली, पवन जाट, धावक मोहनलाल युवाओं को ट्रेनिंग करवाने में सहयोग कर रहे हैं।
युवाओं को खेल ग्राउण्ड से जोड़ों, सुधरेगा स्वास्थ्य
कोच गुरप्रेम सिंह मान का कहना है कि वर्तमान में युवा वर्ग खेल ग्राउण्ड में आकर शारीरिक व्यायाम करने की बजाए मोबाइल में अधिक व्यस्त रहता है। अभिभावक बच्चों को नियमित रूप से खेल ग्राउण्ड में भेजे। जिससे शरीर स्वस्थ रहेगा। इसके साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शारीरिक दक्षता भी साबित कर सकेंगे।

Home / Sri Ganganagar / प्रतिभाओं को तराशने के लिए बना द्रोणाचार्य

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो