यूं साधते हैं निशाना
एक पुतले को भारतीय सेना की गणवेश में सजाकर उसके निशाना साधने के तरीके तथा लक्ष्य पर नजर टिकाने के लिए उपयोग किए जा रहे उपकरणों का प्रदर्शन किया गया। सैन्यकर्मी ने विद्यार्थियों को सैनिकों की ओर से उपयोग की जाने वाल तकनीक के बारे में बताया।
पहले टारगेट सैट और फिर बमवर्षा
सैन्य कर्मियों ने बताया कि ग्रेनेड लांचर के माध्यम से दुश्मन के इलाके में बम वर्षा की जाती है। इसके लिए पहले टारगेट सैट किया जाता है। अंधेरा होने पर बम डालकर ही दुश्मन के इलाके का जायजा लिया जाता है। इसके बाद दुश्मन पर टारगेट कर बमवर्षा की जाती है।
अंधेरे को चीरने वाले चश्मे
सैन्य कर्मियों ने ऐसी दूरबीन दिखाई जिससे दूर तक और काफी साफ देखा जा सकता है। इसके अलावा नाइट विजन गोगल्स और नाइट विजन दूरबीन भी विद्यार्थियों को दिखाई गई। विद्यार्थियों ने इसके माध्यम से सामने का इलाका देखकर आश्चर्य जताया।
दिखाए देश विदेश में बने हथियार
प्रदर्शनी में इंसास राइफल, इंसास लाइट मशीनगन, चालीस एमएल मशीनगन लांचर, ग्रेनेड लांचर, ऑटोमैटिक ग्रेनेड लांचर, मोर्टार, नाइट विजन बाइनाक्यूलर, नाइट विजन गोगल्स सहित कई तरह के उपकरणों का प्रदर्शन किया गया। बच्चों की सुविधा के लिए मौके पर पेयजल आदि की सुचारू व्यवस्था की गई।