ब्यूरो के निरीक्षक नवल किशोर ने बताया कि ज्यादातर शिकायतें मनरेगा और ग्राम पंचायतों की ओर से करवाए जा रहे निर्माण कार्यों की मिली हैं। ग्राम पंचायतें चूंकि राज्य सरकार के अधीन है, इसलिए सीबीआई इसमें जांच आदि नहीं कर सकती। इनसे संबंधित शिकायतें पंचायत राज विभाग को भेजी जाएगी। केन्द्र सरकार से संबंधित गंभीर शिकायतों का परीक्षण खुद ब्यूरो करेगा और जरूरत पडऩे पर मामला भी दर्ज किया जा सकता है। टीम को केन्द्र सरकार के किसी विभाग से संबंधित बड़ी शिकायत नहीं मिली।
ब्यूरो की टीम को सामाजिक कार्यकर्ता बनवारी लाल मीणा ने श्रीगंगानगर में फर्जी आधार कार्ड बनने की शिकायत की, जिसे काफी गंभीरता से लिया गया। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में 4 जनवरी 2017 को पुरानी आबादी थाने में दर्ज उस मुकदमे का हवाला दिया है जो फर्जी आधार कार्ड से संबंधित है। इसमें बताया गया है कि हरियाणा के एक युवक की शादी नेतेवाला की एक युवती से हुई थी, जिसका आधार कार्ड फर्जी पाया गया।
बैंकों की शिकायतें कम
ब्यूरो की टीम विशेष रूप से बैंकों के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई के लिए आई थी। लेकिन बैंकों से संबंधित इक्का-दुक्का शिकायतें ही मिली। हालांकि, ब्यूरो की टीम ने स्पष्ट नहीं किया। लेकिन यह कयास लगाया जा रहा है कि पीएनबी घोटाले के बाद शायद केन्द्र सरकार ने ब्यूरो को अलग-अलग स्थानों पर सुनवाई के निर्देश दिए हैं ताकि अन्य किसी स्थान पर भी एनपीए के नाम पर बड़ी रकम डूबी है तो उसका खुलासा भी हो जाए।