डॉ. बावा ने बताया कि उनके यहां लगभग 28 हजार विद्यार्थी अध्यनरत हैं। इनमें राजस्थान के 2200 विद्यार्थियों में से 290 श्रीगंगानगर क्षेत्र के हैं। प्रदेश के छात्र अपनी प्रतिभाा के चलते कुल 6 स्टार्ट अप्प लांच कर चुके हैं, विश्वविद्यालय से दर्ज हुए 200 पेटेंट में से 5 पेटेंट राजस्थान के विद्यार्थियों की तरफ से किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति पूरी अवधि के लिए दी जा रही है। फीस अन्यों की तुलना में काफी कम है, पुराने विद्यार्थियों की फीस बढ़ाई भी नहीं जाती। सैनिकों, शहीदों एवं शिक्षकों के परिवारों के लिए रियायत की व्यवस्था है। विशेष मामले में नि:शुल्क भी पढ़ाया जाता है।
विश्वविद्यालय ने अपने कॅरियर काउंसलिंग के नि:शुल्क अभियान को राष्ट्रव्यापी बनाने का निर्णय किया है। बठिंडा (पंजाब) में क्षेत्रीय कार्यालय खोला गया है। राजस्थान के होनहार छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए 100 प्रतिशत तक की छात्रवृत्ति देने का प्रबंध किया गया है। इस बारे में रखी जाने वाली परीक्षा में मेरिट में आने वाले 800 विद्यार्थियों को विभिन्न कोर्सेज में दाखिल दिया जाएगा।
डॉ. बावा के अनुसार उनके विश्वविद्यालय का लगभग 60 लाख स्केवयर फीट का विशाल परिसर मिनि इंडिया है। देश के सभी राज्यों के विद्यार्थी तो अध्ययन कर ही रहे हैं, कई अन्य देशों के विद्यार्थी भी अध्यनरत हैं। उप कुलपति के मुताबिक उनके यहां 9 हजार से अधिक कम्प्यूटर विभिन्न लेब आदि में लगे हैं।
छात्रावासों में 15 हजार विद्यार्थियों की व्यवस्था है। डिपार्टमेंट ऑफ कॅरियर डवलपमेंट भी कार्यरत है। विद्यार्थियों के प्लेसमेंट की तरफ विशेष ध्यान देने से इसमें उल्लेखनीय सफलता मिल रही है।