गणेशजी के मुख्य रूप से सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन, मंगलमूर्ति आदि कई नामों से बच्चों में विशेष उत्साह है। शनिवार को नो स्कूल बैग डे होने के कारण इलाके के चुनिंदा सरकारी स्कूलों में विभिन्न् बच्चों ने मिट्टी का आकार देकर गणपति, लंबोदर, एकदंत, मंगलमूर्ति विघ्न-नाश, विनायक की मूर्तियां बना डाली। इन नन्हें शिल्पकारों की कला देखकर स्कूल शिक्षक भी दंग रह गए।
किसी ने सूंड बनाई तो किसी ने कान और दंतइस बीच , जिला मुख्यालय पर मल्टीपरपज स्कूल में बच्चों की अलग अलग टोलियों को गजानन के अनुरुप मंडल का नाम दिया गया। कक्षा छठी से आठवीं तक के बच्चों को इन मंडलियो ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। किसी ने सूंड बनाई तो किसी ने बड़े बड़े कान बनाए। वहीं कईयों ने पेट तो किसी ने दंत बनाकर मंगलमूर्ति और विघ्न विनाशक का रूप मिट्टी से गणपति की मूर्ति जैसो आकार दे दिया।
राजकीय उच्च मध्यमिक विद्यालय मल्टीपरपज की एलिमेंट्री विंग में शिक्षक रमन कुमार असीजा ने बताया कि बच्चों की इन टोलियों के नाम भी गणपति के नामों पर रखे गए। इसमें मोदक मंडली, पन्ना मंडली, माणक मंडली और मेवा मंडली गठित की। प्रत्येक मंडली में हिस्सा ले रहे नन्हें हाथों ने अपनी भावनाओं के मिट्टी से आकार दिया। इन बच्चों में भारतीय मूर्ति कला को रूबरू कराने के लिए गणेश जन्मोत्सव की झलक दिखाते हुए मिटटी से गणपति बनाने का लक्ष्य दिया। मूर्ति और शिल्प कलाएं बालको ने जब अपने नन्हें हाथों से आकार दिया तो देखते देखते ऐसा लगा कि किसी निपुण शिल्पकार ने अपनी कला का जौहर दिखाया हो। इन बच्चों ने विभिन्न रंग देकर गणपति के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।