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श्री गंगानगर

श्रीगंगानगर नगर परिषद तत्कालीन आयुक्त बुडानिया के खिलाफ जांच तेज

Sriganganagar Municipal Council intensifies investigation against the then Commissioner- चूरू से आई एसीबी टीम ने खंगाले दस्तावेज, गवाहों के लिए बयान.

श्री गंगानगरMar 19, 2021 / 01:44 pm

surender ojha

श्रीगंगानगर नगर परिषद तत्कालीन आयुक्त बुडानिया के खिलाफ जांच तेज

श्रीगंगानगर नगर परिषद तत्कालीन आयुक्त बुडानिया के खिलाफ जांच तेज

श्रीगंगानगर. तत्कालीन आयुक्त प्रिंयका बुडानिया के खिलाफ एसीबी ने आखिरकार फिर से जांच शुरू कर दी है। चूरू से आई एसीबी की विशेष टीम ने एक लाख चालीस हजार रुपए की नकदी के मामले में जांच खोली है। पिछले साल पांच दिसम्बर की रात सूरतगढ़ से जयपुर से जा रही एक कार में नगर परिषद की तत्कालीन आयुक्त प्रिंयका बुडानिया को लक्ष्मणगढ के पास रूकवाकर तलाशी ली गई थी।
एसीबी टीम ने इस कार से एक बैग में 1 लाख 40 हजार रुपए का हिसाब मांगा था, इस पर बुडानिया का दावा था कि यह रकम उसने उधार ली थी। लेकिन प्रारभिंक जांच में यह पुष्टि हुई कि आयुक्त अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रकम एकत्र की थी। इस संबंध में जयपुर थाने में बुडानिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
इस प्रकरण में बुडानिया को एपीओ कर जयपुर भिजवाया जा चुका है। अब इस जांच के संबंध में चूरू एसीबी के एडिशल एसपी आनंद स्वामी गुरुवार को यहां पहुंचे और उधार देने वाले छह जनों को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए। एसीबी ने नगर परिषद से ठेकेदारों की फाइल और अन्य दस्तावेज भी जुटाए है। बुडानिया को उधारी देने वालों में दो ठेकेदार शामिल थे।
इनसे एक ठेकेदार ने एक ज्वैलर्स शोरूम से सोने के जेवरात खरीदने के लिए राशि दी थी। एसीबी ने इसकी भी जांच की है तब सीकर टीम को मिली थी मोटी रकम की सूचना सीकर एसीबी ने 5 दिसम्बर 2020 की रात यह सूचना मिली थी कि बुडानिया अपनी कार में ठेकेदारों से मोटी रकम लेकर जयपुर जा रही है। उसने एक ज्वैलर्स से सोने के जेवर भी खरीद किए है। इस सूचना पर सीकर एसीबी ने लक्ष्मगढ़ के पास नाकेबंदी कर कार को रूकवाया तो तलाशी ली थी।
मोटी रकम नहीं मिली लेकिन एक लाख चालीस हजार रुपए बरामदगी के संबंध में उधारी रकम होने का दावा किया गया। लक्ष्मणगढ़ थाने में बुडानिया के साथ उसके परिवार की एक महिला से सोने के जेवर के बारे में पूछताछ की थी। इस दिन बुडानिया अपने परिवारिक सदस्य की शादी कार्यक्रम के लिए जयपुर रवाना होने से पहले डीएलबी से 25 दिन के अवकाश पर गई थी। बुडानियां शहर में सुर्खियों में रही है।
नगर परिषद उपसभापति लोकेश मनचंदा ने बुडानिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए नगर परिषद परिसर में कई पार्षदों के साथ एक सप्ताह का धरना भी दिया था। इसके बाद मनचंदा और पार्षदों ने जयपुर में जाकर डीएलबी निदेशक से बुडानिया के खिलाफ शिकायत भी की थी। यहां तक कि विधायक राजकुमार गौड़ से भी बुडानिया के तबादले की मांग की थी।
इसके अलावा नगर परिषद बोर्ड की पहली बैठक छह नवम्बर को आयोजित हुई थी, इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष बबीता गौड़ ने आयुक्त के खिलाफ जमकर मुददा उठाया था। लेकिन एक कथित टिप्पणी को लेकर आयुक्त और सभापति ने इस मीटिंग को बीच में रोककर हंगामा कर दिया था। दो दिन बाद बबीता गौड़ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव और पार्षद के पद से निलम्बित करने के लिए नगर परिषद बोर्ड की आपात बैठक बुलाकर प्रस्ताव भी पारित किया गया।
इस प्रस्ताव की प्रति डीएलबी से मंजूर कराने के लिए भिजवाई गई। आयुक्त का नगर परिषद कार्मिकों के साथ भी विवाद रहा है। तब तीन लिपिकों को निलम्बित कर उनका मुख्यालय श्रीविजयनगर, अनूपगढ़ और रायसिंहनगर कर दिया था।

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