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श्री गंगानगर

सूरतगढ़ थर्मल: सुपर क्रिटिकल में भी गहराया कोयला संकट,मात्र दो दिन का कोयला शेष

कोयला संकट के चलते सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन की 250-250 मेगावाट की सभी छह इकाइयों से पिछले पांच दिन से बिजली उत्पादन ठप पड़ा है।

श्री गंगानगरAug 29, 2021 / 08:27 pm

Kamlesh Sharma

Coal crisis in supercritical at Suratgarh Thermal

कोयला संकट के चलते सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन की 250-250 मेगावाट की सभी छह इकाइयों से पिछले पांच दिन से बिजली उत्पादन ठप पड़ा है।

सूरतगढ़ थर्मल(श्रीगंगानगर)। कोयला संकट के चलते सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन की 250-250 मेगावाट की सभी छह इकाइयों से पिछले पांच दिन से बिजली उत्पादन ठप पड़ा है। इस तरह थर्मल से 1500 मेगावाट बिजली का उत्पादन बंद है। वर्तमान में 660-660 मेगावाट की सातवीं व आठवीं सुपर क्रिटिकल इकाइयों से विद्युत उत्पादन हो रहा है। इनमें भी कोयला खत्म होने के कगार पर है। ऐसे में सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एसटीपीएस) से विद्युत उत्पादन पूरी तरह ठप होने का संकट गहरा गया है।
मात्र दो दिन का कोयला स्टॉक शेष
सुपर क्रिटिकल इकाइयों के कोल हैंडलिंग प्लांट के अधिकारियों के अनुसार रविवार को यार्ड में मात्र 30 हजार मीट्रिक टन कोयला स्टॉक ही शेष बचा था। जो वर्तमान में उत्पादन कर रही 660 मेगावाट की सातवीं इकाई और परीक्षण के तौर पर उत्पादन कर रही 660 मेगावाट की आठवीं इकाई के लिए दो दिन ही पर्याप्त होगा।
खपत से आधी से कम आपूर्ति
सुपर क्रिटिकल दोनों इकाइयों से बिजली उत्पादन के लिए रोजाना 15 से 16 हजार मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता होती है लेकिन वर्तमान में मात्र दो कोयला रैक (7 हजार मीट्रिक टन) ही परियोजना में पहुंच रहा है। जो खपत का आधा भी नहीं है।
उच्चस्तर पर करवाया अवगत
सुपर क्रिटिकल थर्मल के मुख्य अभियंता बी कुमार ने बताया कि कोयला आपूर्ति में सुधार के लिए जयपुर मुख्यालय को अवगत करवाया गया है। उन्होंने बताया कि सुपर क्रिटिकल थर्मल के लिए तीन गाडिय़ां लोड हुई है। उनके मंगलवार तक परियोजना में पहुंचने की उम्मीद है।
कोयला परिवहन बड़ी समस्या-
नव निर्मित सुपर क्रिटिकल इकाइयों का कोल हैंडलिंग प्लांट पूरी तरह से तैयार नहीं होने से कोयले की गाडिय़ां सीधे सुपर क्रिटिकल इकाइयों में खाली नहीं हो सकती। कोयला खदानों से आने वाले कोयले के रैक पहले 1500 मेगावाट की पुरानी परियोजना में खाली होते है। इन्हें ट्रकों से सुपर क्रिटिकल इकाइयों के कोल यार्ड में लाया जाता है। एक रैक कोयला परिवहन में करीब 4 से 5 घंटे लगते हैं।
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