जिसमें अग्रिम वार्षिक गारंटी राशि का आठ प्रतिशत के स्थान पर 5 प्रतिशत करने, धरोहर राशि 4 प्रतिशत के स्थान पर 2 प्रतिशत करने का निर्णय किया है। इस प्रकार आवेदक को कुल वार्षिक राशि के 12 प्रतिशत के स्थान पर 7 प्रतिशत ही वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में जमा कराने होंगे।
कम्पोजिट राशि एक मुश्त जमा कराने के स्थान पर दो किश्तों ली जाएगी, जिसमें 50 प्रतिशत राशि 31 मार्च तक तथा शेष 50 प्रतिशत 30 जून तक जमा कराने का निर्णय किया है। लाइसेंसधारी को न्यूनतम रिजर्व प्राईस से अधिक प्राप्त होने राशि में इच्छानुसार भारत निर्मित विदेशी मदिरा व बीयर, देसी मदिरा से पूर्ति की सुविधा भी दी गई है।
लाइसेंसधारी को यह भी विकल्प दिया गया है कि उसकी ओर से अधिक राशि की गारंटी पूर्ति नकद जमा कराने का भी प्रावधान दिया गया है। इस प्रकार लाइसेंसधारी को नीलामी में बढ़ी हुई राशि के क्रम यह छूट प्रदान होगी कि वह अपनी मांग अनुसार मदिरा या नकद जमा कराकर गारंटी पूर्ति कर सकें। विदेशी मदिरा ब्राण्डस का भी भराव वार्षिक गारंटी राशि में समायोजित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ई-नीलामी के जरिए मदिरा दुकानों की बोली 3 से 10 मार्च तक पांच चरणों में की जाएगी। आवेदक बोली तिथि से एक दिन पहले तक रात 11.59 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह नीलामी भारत सरकार के उपक्रम एमएसटीसी के माध्यम से की जा रही है।