अफसर के दफ्तर के भीतर से आ रही आवाजों को सुनकर किसी कर्मचारी ने पुलिस को सूचना दे दी। इस पर पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा खुलवा कर अफसर को कोने से उठाकर कुर्सी पर बैठाया। संगठन के पदाधिकारियों ने जब अफसर की हरकत के बारे में बताया तो पुलिस वालों ने एफआइआर दर्ज करवाने का कहा। मामला चूंकि महिला कर्मचारी से जुड़ा था सो संगठन के पदाधिकारियों ने इसे तूल देने के बजाय माफी से निपटाने का कहा। इसके बाद अफसर ने पुलिस की मौजूदगी में माफी मांग कर अपना पिंड छुड़ाया। इस घटना के बाद दो-तीन और महिला कर्मियों ने भी अफसर की हरकतों की जानकारी संगठन के पदाधिकारियों को दी है।
कर्मचारी संगठन ने मौका देखकर 2 मार्च की शाम को अफसर के दफ्तर पर धावा बोला। अफसर उस समय अपने कार्यालय में ही था। उसके मुंह लगे कई कर्मचारी भी दफ्तर में डेरा डाले हुए थे। संगठन के पदाधिकारियों ने अफसर के दफ्तर में प्रवेश करने के बाद वार्ता करने का कह कर वहां बैठे लोगों को बाहर निकाल दिया और फिर कुंडी लगाकर दफ्तर का दरवाजा बंद कर दिया। अफसर की करतूत से गुस्साए संगठन के पदाधिकारियों ने तब अफसर को कुर्सी से उठाकर एक कोने में बैठा दिया और उस पर थाप-मुक्कों की स्ट्राइक शुरू कर दी।