scriptVideo: केसरीसिंहपुर में श्रमिक युनियन अध्यक्ष की मान्यता खत्म करने पर जताया रोष | end of the recognition of the workers union in Kesri Singh | Patrika News
श्री गंगानगर

Video: केसरीसिंहपुर में श्रमिक युनियन अध्यक्ष की मान्यता खत्म करने पर जताया रोष

इसे लेकर यहां श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष मूल चंद, सचिव जलंधर सिंह रामगढिय़ा ने सोमवार को श्रमिकों की बैठक में इस बात पर रोष जताया गया

श्री गंगानगरDec 19, 2017 / 07:59 am

pawan uppal

labor union
केसरीसिंहपुर.

यहां विश्वकर्मा भवन निर्माण श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष की मान्यता खत्म करने से भवन निर्माण से जुड़े कस्बे के सैंकड़ों श्रमिकों को श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं के आवेदन करने सहित लाभ प्राप्त करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। श्रमिको का कहना है कि हस्ताक्षर के अभाव में कई श्रमिको को कार्ड ही नहीं मिल सके हैं, तो उन्हें लाभ कैसे मिलेगा। इसे लेकर यहां श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष मूल चंद, सचिव जलंधर सिंह रामगढिय़ा ने सोमवार को श्रमिकों की बैठक में इस बात पर रोष जताया गया कि श्रमिकों को मिलने वाली सभी प्रकार की सरकारी सहायता के फर्मो में अध्यक्ष के हस्ताक्षर होते है। लेकिन यहां उक्त सुविधा नहीं होने से श्रमिकों को अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है।
उन्होंने इस संबंध में जिला कलेक्टर सहित श्रम विभाग के आयुक्त को पत्र भेज कर यहां की श्रमिक यूनियन को पुन: मान्यता दिलवाने की मांग की है। बैठक में श्रमिकों ने बताया कि युनियन सदस्य इस बारे में स्थानीय विधायक व राज्य मंत्री सुरेंद्रपाल सिंह टीटी व इसे विषय से जुड़े अधिकारियो को कई बार अवगत करवा चुके है वहीं मुख्य मंत्री व राजस्थान पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करवाई है लेकिन कही भी सुनवाई नही हो रही है।
युनियन के सचिव ने बताया कि यदि शीघ्र सुनवाई नही होती है तो श्रमिको को आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा। यूनियन की ओर से मुख्यमंत्री के श्रीगंगानगर आगमन पर धरना प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया गया है। यहां कस्बे में करीब 300 भवन निर्माण मजदूर है जो श्रम विभाग में पंजीकृत हैं। जबकि अनेक श्रमिकों के कार्ड नहीं बन सके हैं। श्रमिको का कहना है कि हस्ताक्षर के अभाव में कई श्रमिको को कार्ड ही नहीं मिल सके हैं इसके चलते श्रमिक कल्याण की योजनाओं में पात्र नहीं बन सके है। चिकित्सालय सुविधा, मकान, शादी-ब्याह सहित विभिन्न योजनाओं में मिलने वाली सहायता राशि से अनेक श्रमिक अभी भी वंचित हैं।
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