इस बीच, जवाहरनगर एरिया में पाइप लाइन करीब डेढ़ साल पहले बिछाई गई थी। ठेका कंपनी के कारीगरों और श्रमिकों ने नई सड़कों पर कुंदाली मारकर तोड़ दिया। सैक्टर सात में तोड़ी गई इन सड़कों के कारण वहां फिर से आवाजाही का रास्ता प्रभावित हो गया है। मोहल्लेवासियों का कहना है कि सीवर ठेका कंपनी के अफसर अपनी मनमर्जी चला रहे है। दो दिन पहले भी ठेकेदार ने इसी एरिया में वाटर वर्क्स टंकी के पास लाइन बिछाने के नाम पर तोडफोड़ की थी। लेकिन सड़क पर पेचवर्क करवाना तो दूर वहां से मिट्टी की सफाई तक नहीं कराई। इस संबंध में पार्षद रामगोपाल यादव को भी शिकायत की गई है।
इधर, इंदिरा वाटिका के पास दो साल पहले पीडब्ल्यूडी की ओर से बनाई गई सीसी रोड किनारे लगी इंटरलोकिंग टाइल्स को मोबाइल कंपनी के ठेकेदार ने उखाड़ दिया। केबल बिछाने के नाम पर इन टाइल्स को उखाड़कर फिर से लगाने के दावे किए गए लेकिन तीन माह बीतने के बावजूद इस सड़क को अधूरा छोड़ दिया। इस कारण वहां बरसाती पानी घुस गया और यह हिस्सा धंस चुका है। इस संबंध में नगर परिषद प्रशासन के अफसरों से राहगीरों ने शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
इस बीच, नगर परिषद आयुक्त गुरदीप सिंह का कहना है कि नगर परिषद सीमा क्षेत्र की सड़कों पर बिना अनुमति सड़क की खुदाई नहीं होने दी जाएगी। यदि कोई खुदाई कर रहा है तो उसे पहले नगर परिषद से अनुमति लेनी होगी। इस संबंध में निर्माण शाखा के एक्सईएन और जेईएन को अधिकृत कर रिपोर्ट मांगी है।
इधर, आरयूआईडीपी के जेईएन मनीष बिश्नोई के अनुसार जिन पाइप लाइनों की मिसिंग थी, उन मिसिंग को जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। जितनी खुदाई है उतना हिस्सा आरयूआईडीपी की ओर से बनाई जाएगी। बिश्नोई ने बताया कि वाटर वर्क्स टंकी से लेकर संत कबीर स्कूल की पुरानी बिल्डिंग तक पूरी रोड को आरयूआईडी की ओर से बनाई जाएगी।