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श्री गंगानगर

तलाक लेने आई विवाहिता फिर घर बसाने को राजी

कानून में स्लोग्न है कि देरी से मिला न्याय ‘न्याय’ नहीं होता, लेकिन जब अदालत खुद यह ठान ले कि त्वरित न्याय देना है तो फिर परिणाम आने में देर नहीं लगती

श्री गंगानगरOct 12, 2017 / 09:49 pm

vikas meel

gavel

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श्रीगंगानगर.

कानून में स्लोग्न है कि देरी से मिला न्याय ‘न्याय’ नहीं होता, लेकिन जब अदालत खुद यह ठान ले कि त्वरित न्याय देना है तो फिर परिणाम आने में देर नहीं लगती। गुरुवार को फैमिली कोर्ट में पिछले छह महीने से विचाराधीन मामले में एक विवाहिता अपने पति से तंग आकर तलाक लेने आई थी। उसकी विवाह विच्छेद की याचिका पर जब सुनवाई आई तो इस कोर्ट के स्पेशल जज एलडी किराड़ू ने देर नहीं की। । उन्होंने दोनों पक्षों के वकीलों के माध्यम से बुलाया और काउंसलिंग की प्रक्रिया अपनाने की बात कही। काउंसलिंग में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ गिले-शिकवे दूर कर दिए। फिर क्या था स्पेशल जज ने विवाहिता को उसके पति और बच्चे के साथ रहने के लिए राजी करवा लिया। । यह विवाहिता भी वापस बसने को तैयार हो गई। गुरुवार शाम को यह विवाहिता अपने पीहर के बजाय पति के साथ रवाना हो गई। इस काउंसलिंग में काउंसंलर परमजीत कौर व प्रियंका पुरोहित भी साथ रही। ।
दीपावली पर्व मनाओ ताकि माहौल रहे खुशनुमा

चक 5 ए छोटी निवासी छिन्दोबाई की शादी टिब्बी के वार्ड 22 निवासी गुरमीत सिंह के साथ 7 मार्च 2014 को हुई थी। इन दोनों से अर्शदीप कौर बेटी भी हुई। लेकिन छिन्दो बाई ने आरोप लगाया कि पति का व्यवहार सही नहीं होने के कारण वह तलाक लेना चाहती है। इसके लिए उसने करीब छह महीने पहले फैमिली कोर्ट में विवाह विच्छेद की याचिका दायर की। इस पर समझाइश के बाद गुरुवार को स्पेशल जज एलडी किराडू ने दोनों को पाबंद करते हुए निर्णय दिया। इस निर्णय में बताया कि दीपावली पर्व मनाओ ताकि माहौल खुशनुमा रहे। इसके साथ साथ बेटी अर्शदीप कौर को खूब प्यार करने के लिए दोनों को हिदायत भी दी। झगड़ा दोनों पक्ष अब नहीं कर सकेंगे, यह बात निर्णय में अंकित की गई है। ।

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