किसान आंदोलन: साधुवाली बॉर्डर बना पहेली
Farmer movement: Sadhuwali border becomes a puzzle- कलक्टर-एसपी ने नहीं लिया निर्णय, दो सप्ताह से अवरोधक बरकरार
किसान आंदोलन: साधुवाली बॉर्डर बना पहेली
#Farmer movement. साधुवाली के पास सील की गई राजस्थान-पंजाब सीमा खोलना जिला प्रशासन के लिए पहेली बन गया हैं। करीब दो सप्ताह से पंजाब के लिए आवाजाही प्रभावित हो गई हैं। लोगो को मजबूरन पतली चेक पोस्ट और हिन्दुमलकोट के पंजावा पुल के रास्तों से पंजाब जाने की मजबूरी हो गई हैं। बस से सफर करने वाले यात्रियों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही हैं। वहीं किसानों को पंजाब से खाद- बीज की खरीद और व्यापारियों को अपना माल की आवाजाही के लिए ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा हैँ। साधुवाली के अलावा अन्य मार्गो से आवाजाही होने से राजस्थान व पंजाब के बीच ज्यादा दूरी तय करनी पड़ रही हैं, इससे किराया भी मनमाना वसूला जाने लगा हैं। हालांकि इलाके के व्यापारियों और विभिन्न संगठनों ने एसपी-कलक्टर को साधुवाली बॉर्डर से आवाजाही को सामान्य करने के लिए अवरोधक हटाने की मांग की थी। इस बीच, जिला कलक्टर लोक बंधु ने साधुवाली बॉर्डर एरिया का निरीक्षण भी किया। कलक्टर ने बताया कि उन्होंने इस एरिया के लोगों से फीडबैक लिया हैं। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक से कानून व्यवस्था के मद़देनजर रिपोर्ट मांगी हैं। इधर, पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने बताया कि अधीनस्थ अधिकारियों से साधुवाली बॉर्डर खोलने के लिए फीडबैक मांगा हैं, इस पर निर्णय अब जल्द लिया जाएगा।
तब भारी भरकम ब्लॉक लगाकर किया था सील
संयुक्त किसान मोर्चा की 13 फरवरी को दिल्ली कूच की अपील पर जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर साधुवाली के पास राजस्थान-पंजाब सीमा को लोहे के बैरिकेड्स व सीमेंट के भारी भरकम ब्लॉक लगाकर सील करवा दिया था। पंजाब-हरियाणा की सीमा पर शंभू बॉर्डर पर किसानों के अभी भी डटे होने से सील बॉर्डर को खोलने के बारे में प्रशासन स्थानीय स्तर पर फैसला नहीं कर पा रहा है। उत्तर-पूर्वी राजस्थान को पंजाब के अलावा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-62 को सील करने से पंजाब के साथ-साथ जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। इस मार्ग को 12 फरवरी को सील कर 13 फरवरी से आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया। तभी से राजस्थान और पंजाब के लिए महत्वपूर्ण यह मार्ग बंद पड़ा है।
कलक्टर-एसपी बदले पर निर्णय नहीं
साधुवाली बॉर्डर सील किया गया था तब अंशदीप जिला कलक्टर और विकास शर्मा पुलिस अधीक्षक थे। लेकिन अब लोकबंधु जिला कलक्टर और गौरव यादव पुलिस अधीक्षक के रूप में आ चुके हैँ। लेकिन साधुवाली बॉर्डर को खोलने के लिए नए एसपी-कलक्टर ने अब तक निर्णय नहीं किया हैं। इधर, चंडीगढ़ में किसान नेतओं और केन्द्र सरकार के मंत्रियों के बीच वार्ता में विभिन्न मांगों पर सहमति या असहमति को लेकर जिला प्रशासन नजर बनाए रखे हुए है। हालांकि इस वार्ता में स्थानीय किसान संगठनों की भूमिका नहीं है लेकिन कानून व्यवस्था के दृष्टिगत को देखते हुए यह कदम उठाया गया था, इसे वापस लेने के लिए कलक्टर व एसपी दोनों अभी सहमत नहीं हुए हैँ।
सब्जियों और फलों की आवक प्रभावित
श्रीगंगानगर से साधुवाली होते हुए पंजाब के लिए इस रूट पर सबसे ज्यादा मार सब्जियों और फलों की आपूर्ति पर पड़ने लगी हैं। आवक कम होने के कारण कई विक्रेताओं ने फल-सब्जियों के दाम बढ़ा दिए हैं। पंजाब से आने वाली सभी बसें इसी मार्ग से होकर आवागमन करती है। ट्रकों के जरिए गुजरात और महाराष्ट्र के अलावा पश्चिमी राजस्थान के शहरों को पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के माल का परिवहन इसी मार्ग से होता है। इसी प्रकार गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व दक्षिण के राज्यों से जो भी सामान पंजाब, जम्मू कश्मीर और हिमाचल के लिए आता है, उसके लिए सही और सुगम रास्ता यही है।
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