इस दौरान किसान और माकपा नेताओं ने अधीक्षण अभियंता को मौके पर बुलाने की मांग की। छतरगढ़ स्थित अधीक्षण अभियंता फूलचंद मौके पर पहुंचे लेकिन उन्होंने किसानों की मांग पूरी करने में असमर्थता जताई। इसके बाद अधीक्षण अभियंता ने हनुमानगढ़ स्थित मुख्य अभियंता से भी इस संबंध में बात की। मुख्य अभियंता के भी किसानों की मांग पर कार्रवाई में असमर्थता जताने पर किसानों और माकपा नेताओं ने आर-पार की लड़ाई की घोषणा कर दी। इन लोगों ने पंद्रह दिसंबर को रोजड़ी और उन्नीस दिसम्बर को अनूपगढ़ में सभा करने की घोषणा की है।
इससे पूर्व किसान नेता सुबह रावला के अम्बेडकर पार्क में एकत्र हुए। उसके बाद रैली के रूप में बाजार से होते हुए सरकार से खिलाफ नारेबाजी करते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे। वहां किसान नेता और माकपा के जिला परिषद सदस्य विष्णु भांभू, पूर्व विधायक पवन दुग्गल, लछमन सिंह, किसान नेता राजू जाट, सत्यप्रकाश सियाग, शोभासिंह ढिल्लों आदि नेताओ ने तहसील के बाहर सभा की।
भांभू ने कहा कि किसान के धैर्य की परीक्षा नहीं ली जाए। अब किसान किसी भी सूरत में पीछे नही हटेगा। पूर्व विधायक पवन दुग्गल ने कहा कि सरकार इस आंदोलन को हलके में नहीं ले। किसान अपने हक के लिये किसी भी हद तक जा सकते हंै। मौके पर एंबुलेंस 108, अग्निशमन वाहन व आरएसी के 20 जवान तथा वाटर केनन आदि बुलाए गए।