हालांकि ठेकेदार ने सडक़ों के किनारे इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने का काम करने लगा है लेकिन उसमें भी मनमर्जी इतनी अधिक है कि जिला कलक्टर के आदेश के बावजूद मुख्य नाले से सडक़ तक टाइल्स नहीं लगाई जा रही है। ठेकेदार और नोडल एजेंसी की इस मनमर्जी के खिलाफ इलाके के लोगों ने जिला कलक्टर को शिकायत भी की। लेकिन इस शिकायत के बावजूद अब तक एक्शन नहीं हो पाया है।
करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने के बावजूद सडक़ पर तेज गति सेचलने वाले वाहनों को चौराहों पर स्पीड कम करने के लिए स्पीड ब्रेकर तक नहीं बने है। वहीं डिवाइडर (dividers) और फुटपाथ निर्माण नहीं होने पर जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधि तो एकाएक शहर से गायब हो गए है। रही कही कसर नोडल एजेंसी आरएसआरडीसी (राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन) ने अनदेखी कर पूरी कर दी है। पहले यह उम्मीद थी कि सीसी रोड बनते ही डिवाइडर और वहां ट्री गार्ड व पौधे लगाने से हरियाली को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे दोनों मार्गो को सौन्दर्य अधिक निखर जाएगा लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हुआ।
— सुखाडिय़ा मार्ग और मीरा मार्ग पर रोजाना दस से पन्द्रह हजार वाहनों की आवाजाही रहती है। ऐसे में स्पीड ब्रेकर और डिवाइडर सुरक्षा की दृष्टिगत जरुरी है। लेकिन इस काम की अनदेखी करना राहगीरों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। उम्मीद है कि जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से यह काम सिरे चढ़ेगा।
– पूजा, जवाहरनगर सैक्टर चार चंद महीने पहले हर गली और मोहल्ले में विधायक बनने के लिए उतरे उम्मीदवार बड़ी बड़ी बातें करते थे लेकिन चुनाव के बाद सरकार बदलने के बावजूद एक डिवाइडर का निर्माण नहीं होना यह इलाके के जनप्रतिनिधियों के लिए शर्मनाक बात है।
– रवीन्द्र मिडढा, गणपतिनगर वाहनों के साथ साथ निराश्रित पशु भी डिवाइडर नहीं होने के कारण बेरोक टोक से आवाजाही करने लगे है। पूरे मार्ग पर एक भी स्पीड ब्रेकर नहीं है। जिला प्रशासन को चाहिए कि वह इस समस्या को हल कराने के लिए खुद नोडल एजेंसी को तलब कर सुखाडिय़ा मार्ग पर जल्द ही डिवाइडर का निर्माण करवाएं ताकि आमजन को राहत मिल सके।
– माया देवी, 3 ई छोटी — सुखडिय़ा मार्ग और मीरा मार्ग पर सीसी रोड बन चुकी है, इससे राहत मिली है। पहले के मुकाबले यह काफी ऊँची बनी हैं, इससे सडक़ पर पानी रुकने की समस्या तो नही रहेगी लेकिन डिवाइडर अब लगभग सडक़ के बराबर आ चुका है इसलिए नए डिवाइडर की सख्त जरूरत है।
– विजय कृष्ण कौशिक, पूजा कॉलोनी