सिटी पुलिस ने बुधवार सुबह राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में गांव आठ एसएचपीडी में आठ एसएचपीडी निवासी आरएमपी चिकित्सक बजरंग (25) पुत्र सीताराम वर्मा ,मिस्त्री नक्षत्र (30) पुत्र मोदन सिंह व हजारी (48) पुत्र शंकरलाल के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपा गया।
इसके बाद परिजन शवों को अपने साथ गांव ले गए। वही पुलिस ने हादसे में मृतक घमण्डिया निवासी लक्ष्मणराम (50) पुत्र पन्नाराम व जगदीश (60) पुत्र तोलूराम के शवों का पोस्टमार्टम मंगलवार शाम को ही करवाकर उनके परिजनों को सौंप दिया गया था। मंगलवार देर रात्रि को एडिशनल एसपी सुरेन्द्र चौधरी घटनास्थल पर पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण किया।
-घरों से उठी अर्थियां, नहीं रुके आंसू
गांव आठ एसएचपीडी में बुधवार सुबह सूरतगढ़ से जैसे ही तीनों शव पहुंचे तो माहौल गमगीनमयी हो गया। तीनों शवों को परिजन व रिश्तेदार घर ले गए। यहां ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। गांव में नक्षत्र व आरएमपी चिकित्सक बजंरग की एक साथ अर्थियां उठी तो हर किसी के आंखों में आंसू छलक गए। वहीं आधे घण्टे बाद ही मृतक हजारी का उसी कल्याण भूमि में अंतिम संस्कार किया गया। वही घमण्डिया में भी लक्ष्मण व जगदीश का गमगीन माहौल में अन्तिम संस्कार किया गया।
-पांच बहनों का इकलौता भाई था बजंरग
सिद्धुवाला. गांव आठ एसएचपीडी निवासी मृतक आरएमपी चिकित्सक बजंरग पांच बहनों का इकलौता भाई था। उसकी दो वर्ष पूर्व उसकी शादी पुष्पा के साथ हुई थी। उसकी पत्नी गर्भवती है। इसी गांव का मृतक नक्षत्र सिंह ट्रैक्टर का मिस्त्री था। नक्षत्र सिंह के सात भाईयों में से चार की पूर्व में मौत हो गई थी तथा एक बहन है। नक्षत्र सिंह परिवार में सबसे छोटा पुत्र था।
इसी तरह मृतक हजारी दिहाड़ी मजदूरी का कार्य करता था। उसके दो पुत्र व दो पुत्रियां है। इसमें से एक पुत्री का विवाह हो चुका है। हजारी हरणियां की बीमारी से ग्रस्ति था। आरएमपी चिकित्सक बजरंग के साथ वह सूरतगढ़ के निजी चिकित्सालय में ऑपरेशन करवाने की सलाह के लिए गया था। वापिस आते समय नक्षत्र भी उनके साथ एक ही बाइक पर सवार हो गया था। तीनों जनों की मौत के बाद गांव में शोक छाया हुआ है।