उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उत्थान रामलीला क्लब में 1988 से वे रामलीला में विभिन्न किरदार अदा कर रहे हैं। वतज़्मान में वे भगवान श्रीराम का किरदार निभा रहे हैँ। इसी तरह नगरपालिका उपाध्यक्ष पवन ओझा करीब बीस साल से रावण का भूमिका निभा रहे हैं। वही शहर में वषज़् 1957 से 1959 तक राम नाटय क्लब के बैनर तले रामलीला का मंचन होता था। इसमें चाचा हरीचंद, श्रीराम मोदी, रतनलाल सोमानी, सतनाम सिडाना, पूनम चंद बैद, सोहनलाल सेखसरिया, मदनलाल छाबड़ा, ताराचंद मुंजाल आदि ने रामलीला को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। वषज़् 1960 में इस क्लब का नाम बदलकर राष्ट्रीय उत्थान रामलीला क्लब रख दिया तथा इसके बैनर तले रामलीला का मंचन होना शुरू हुआ, जो अभी तक जारी है। रामलीला के मंचन के दौरान सभी कलाकार शाम छह बजे घर में खाना खाते हैं तथा यहां आकर अभिनय करते हैं। क्लब के करीब 65 सदस्य है, लेकिन अभिनय करने वाले करीब 45 सदस्य है। विभिन्न कलाकारों की वेशभूषा क्लब के पास मौजूद है।
फोटो कैप्शन : सूरतगढ़ में रामलीला मंचन के दौरान उड़ते भगवान हनुमानजी (फाइल फोटो)