दुकानदारी प्रभावित होते देख सड़कों पर उतरे दुकानदार राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2015 में रायसिंहनगर में एमटीसी केन्द्र संचालित करने के निर्देश दिए। लेकिन वर्ष 2016 में रायसिंहनगर से सूरतगढ़ एमटीसी केन्द्र संचालित कर दिया गया था। गत वर्ष फरवरी माह में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एमटीसी केन्द्र संचालित हुआ। करीब 61 कुपोषित बच्चों ने इस केन्द्र से स्वास्थ्य सेवाएं ली। इस वर्ष 16 सितम्बर के पश्चात एक भी बच्चा केन्द्र में भर्ती नहीं हुआ। एमटीसी केन्द्र के प्रभारी डॉ. मदन पारीक लम्बे समय से अवकाश पर चल रहे हैं। ऐसे में उनके बाद इस केन्द्र का कार्यभार अभी तक चिकित्सालय प्रशासन ने किसी अन्य चिकित्सक को नहीं सौंपा।
वृद्धाश्रम रोड पर हटाए कब्जे इस वजह से केन्द्र बंद पड़ा है। यह है रहती है व्यवस्था एमटीसी केन्द्र में एक चिकित्सक, दो नर्सिग कर्मी, एक केयर काउंसलर व एक कुक कम केयर का पद स्वीकृत है। यहां प्रतिदिन बच्चे के स्वास्थ्य का परीक्षण की व्यवस्था उपलब्ध रहती है। एमटीसी केन्द्र में पोष्टिक भोजन के लिए रसोई का भी निर्माण हो चुका है। एमटीसी केन्द्र के लिए राज्य सरकार की ओर से अलग से विशेष बजट भी उपलब्ध होता है। यहां सबसे खास बात यह है कि चिकित्सक के अभाव में केन्द्र खुलता ही नहीं है।
इसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले कुपोषित बच्चों व उनके अभिभावकों को उठाना पड़ता है। घड़साना व पदमपुर में हो चुके हैं बंद स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक अधिकारी विपुल गोयल के अनुसार जिले में श्रीगंगानगर व सूरतगढ़ में ही कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए एमटीसी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। जबकि घड़साना व पदमपुर में बंद हो चुके हैं। ऐसे में जिला मुख्यालय सहित सूरतगढ़ केन्द्र पर कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के इलाज करने की व्यवस्था उपलब्ध है।
करवाया जा चुका है अवगत एमटीसी केन्द्र में कार्यरत चिकित्सक लम्बे समय से अवकाश पर चल रहा है। इस वजह से एमटीसी केन्द्र संचालित करने में परेशानियां हो रही है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। इसे चालू करवाने का प्रयास कर रहे हैं।-डॉ. दर्शन सिंह राजपाल, प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सूरतगढ़