पूरी तरह से वातानुकूलित 16 थर्ड एसी कोच वाली हमसफर ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में यात्री सफर कर रहे है। प्रत्येक कोच में निगरानी के लिए रेलवे की ओर से छह-छह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पूरी ट्रेन में बेहतर सेफ्टी फीचर्स का इस्तेमाल किया गया है। ट्रेनों में होने वाली वारदातों को देखते हुए रेलवे ने इस लंबी दूरी की ट्रेन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पूरी ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है।
हमसफर के एक यात्री ने बताया कि ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरों के कारण उन्हें सामान चोरी या अन्य किसी गड़बड़ी का डर नहीं रहता है। श्रीगंगानगर से चलने के बाद 3116 किलोमीटर की दूरी तय करने में इसे 58 घंटे 25 मिनट लगते हैं। इस दौरान यह ट्रेन राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडू के तिरूचिरापल्ली पहुंचती है। हालांकि श्रीगंगानगर से रवाना होते समय हमसफर में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या काफी गिनी चुनी होती है लेकिन जोधपुर पहुंचने के बाद यात्री भार बढऩा शुरू होता है और गुजरात पहुंचते-पहुंचते इसमें यात्रियों की संख्या अधिक हो जाती है।
श्रीगंगानगर स्टेशन पर होता है मेंटीनेंस
– रेलवे के सीडीओ कैलाशचंद्र ने बताया कि हमसफर टे्रन का कोच मेंटीनेंस श्रीगंगानगर स्टेशन पर किया जाता है। यदि कैमरों में कोई दिक्कत होती है तो उनको तत्काल सही कर लिया जाता है। यात्री हमेशा सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहते हैं। इससे ट्रेन में कोई वारदात नहीं होती है।
इनका कहना है
– स्टेशन पर तो कैमरे नहीं है लेकिन हमसफर ट्रेन कैमरों से लैस है। इसमें एक यात्री का पिछले दिनों सामान छूट गया था। सूचना मिलने पर सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग देखकर सामान अपने रखने वालों से यह सामान लेकर यात्री तक पहुंचाया गया। ट्रेन में ही कैमरों की मेंटीनेंस हेाती है।
बीरबल यादव, थाना प्रभारी आरपीएफ श्रीगंगानगर।