मरीजों से जानी व्यवस्थाएं
कलक्टर ने ओपीडी का निरीक्षण किया। फिर चिकित्सालय के सर्जिकल वार्ड, मेल मेडिकल व फीमेल मेडिकल वार्ड का। इस दौरान रोगियों से कलक्टर ने पूछा की क्या आपकी जांच हो रही है? डॉक्टर टाइम पर जांच करने के लिए आ रहा है? दवा मिल रही है? कोई पैसा तो नहीं ले रहा। आप यहां के उपचार से संतुष्ट हो? जैसे रोगियों से सवाल किए। अधिकांश रोगियों ने कहा कि बेहतर उपचार मिल रहा है। जीरियट्रिक वार्ड में कलक्टर ने मरीजों से बात की। इस पर कलक्टर ने कहा कि इन रोगियों का विशेष ध्यान रखना है कल आपकी और मेरी भी यही आयु होने वाली है।
कलक्टर ने ओपीडी का निरीक्षण किया। फिर चिकित्सालय के सर्जिकल वार्ड, मेल मेडिकल व फीमेल मेडिकल वार्ड का। इस दौरान रोगियों से कलक्टर ने पूछा की क्या आपकी जांच हो रही है? डॉक्टर टाइम पर जांच करने के लिए आ रहा है? दवा मिल रही है? कोई पैसा तो नहीं ले रहा। आप यहां के उपचार से संतुष्ट हो? जैसे रोगियों से सवाल किए। अधिकांश रोगियों ने कहा कि बेहतर उपचार मिल रहा है। जीरियट्रिक वार्ड में कलक्टर ने मरीजों से बात की। इस पर कलक्टर ने कहा कि इन रोगियों का विशेष ध्यान रखना है कल आपकी और मेरी भी यही आयु होने वाली है।
वार्ड बढ़ रहे, स्टाफ नहीं
आरएनए के प्रवक्ता रमेश थनई ने जिला कलक्टर से कहा कि साहब नए-नए वार्ड बनाए जा रहे हैं और जबकि नर्सिंग स्टाफ व सहायक कर्मचारियों की नई नियुक्ति नहीं की जा रही है। इस कारण चिकित्सालय में स्टाफ पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता जा
रहा है।
आरएनए के प्रवक्ता रमेश थनई ने जिला कलक्टर से कहा कि साहब नए-नए वार्ड बनाए जा रहे हैं और जबकि नर्सिंग स्टाफ व सहायक कर्मचारियों की नई नियुक्ति नहीं की जा रही है। इस कारण चिकित्सालय में स्टाफ पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता जा
रहा है।
औचक निरीक्षण करें तो वास्तविकात पत लग जाएगी गायनिक वार्ड का कलक्टर निरीक्षण कर रहे थे। इस बीच गर्भवती महिला के साथ आए एक परिजन ने कहा कि लैबर रूम में पांच ही बैड हैं और प्रसव के लिए बहुत अधिक गर्भवती महिलाएं होती हंै। प्रसव करवाने वाली महिला के लिए लैबर रूम में पर्याप्त बैड ही नहीं मिलता है। युवक ने कलक्टर साहब से निवेदन किया कि आप चिकित्सालय का कभी औचक निरीक्षण करने के लिए आए। फिर आपको गायनिक वार्ड की जमीनी सच्चाई पता चलेगी। इस पर कलक्टर ने कहा कि आपकी समस्याओं पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर फोकस करने की हिदायत
चिकित्सालय परिसर में एमसीएच भनव का विस्तार कर 100 बैड का भवन निर्माण किया जा रहा है। जिला कलक्टर ने एनएमएच के एइएन से कहा कि निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही पीएमओ से कहा कि आप जितने निर्माण कार्य पर चक्कर लगाएंगे उतनी ही अच्छी गुणवत्ता का भवन निर्माण होगा। कलक्टर ने ठेकेदार से कहा कि बेहतर व अच्छी गुणवत्ता का निर्माण कार्य करवाने पर आपको दुआएं बहुत मिलेगी। साथ ही हिदायत दी कि यदि निर्माण कार्य सही नहीं होने पर दूआ के साथ ब जुडकऱ बदुआएं भी मिल सकती है।
चिकित्सालय परिसर में एमसीएच भनव का विस्तार कर 100 बैड का भवन निर्माण किया जा रहा है। जिला कलक्टर ने एनएमएच के एइएन से कहा कि निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही पीएमओ से कहा कि आप जितने निर्माण कार्य पर चक्कर लगाएंगे उतनी ही अच्छी गुणवत्ता का भवन निर्माण होगा। कलक्टर ने ठेकेदार से कहा कि बेहतर व अच्छी गुणवत्ता का निर्माण कार्य करवाने पर आपको दुआएं बहुत मिलेगी। साथ ही हिदायत दी कि यदि निर्माण कार्य सही नहीं होने पर दूआ के साथ ब जुडकऱ बदुआएं भी मिल सकती है।
कलक्टर के आदेश
-एमसीएच के लैबर रूम में रात्रि को महिला डॉक्टर की नियुक्ति हर संभव की जाए।
-चिकित्सालय में पर्याप्त सुरक्षा के लिए आरएमआरएस से नए गार्ड की नियुक्ति की जाए।
-चिकित्सालय में लगे सीसीसी टीवी कै मरों को समय-समय पर जांच कर लपकों पर अंकुश लगाया जाए।
-चिकित्सालय में नि:शुल्क जांच, दवा की पर्याप्त व्यवस्था की जाए, कोई मशीन आदि खराब पड़ी है तो दुरुस्त करवाई जाए।
-नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर एप्रेन व आई कार्ड में नजर आना चाहिए, एक स्टाफ बिना आई कार्ड मिलने पर कहा ठीक नहीं।
-बच्चा वार्ड में लगाई गई ऑक्सीजन पाइप लाइन की पहले जांच कर फिर चालू करने की हिदायत दी।
-चिकित्सालय में धोबी घाट,आई वार्ड ओर पीएमओ के ऑफिस में टाइल्स लगाई जाए।
-चिकित्सालय के हर ब्लॉक में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करवाई जाए।
-एमसीएच के लैबर रूम में रात्रि को महिला डॉक्टर की नियुक्ति हर संभव की जाए।
-चिकित्सालय में पर्याप्त सुरक्षा के लिए आरएमआरएस से नए गार्ड की नियुक्ति की जाए।
-चिकित्सालय में लगे सीसीसी टीवी कै मरों को समय-समय पर जांच कर लपकों पर अंकुश लगाया जाए।
-चिकित्सालय में नि:शुल्क जांच, दवा की पर्याप्त व्यवस्था की जाए, कोई मशीन आदि खराब पड़ी है तो दुरुस्त करवाई जाए।
-नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर एप्रेन व आई कार्ड में नजर आना चाहिए, एक स्टाफ बिना आई कार्ड मिलने पर कहा ठीक नहीं।
-बच्चा वार्ड में लगाई गई ऑक्सीजन पाइप लाइन की पहले जांच कर फिर चालू करने की हिदायत दी।
-चिकित्सालय में धोबी घाट,आई वार्ड ओर पीएमओ के ऑफिस में टाइल्स लगाई जाए।
-चिकित्सालय के हर ब्लॉक में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करवाई जाए।