जानकारी के अनुसार बुधवार को राज्य सरकार निर्णय किया था कि पान मसाले आदि का सैंपल की जांच की जाएगी। इसके बाद से ही पान मसाला व गुटखा व्यापारियों में हडक़ंप मच गया था। दूसरे दिन से ही थोक विक्रेताओं की ओर से माल की निकासी कम कर दी गई और दाम बढ़ा दिए गए।
पांच रुपए का पान मसाला व जर्दा सात से आठ रुपए का कर दिया गया। दुकानदारों का कहना है कि आगे से माल कम मिल रहा है और दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। शहर में प्रतिदिन करीब दस लाख रुपए के गुटखे, पान मसाले व जर्दा आदि की बिक्री होती है। इस हिसाब से यदि पांच रुपए के पान मसाले व जर्दे पर दो या तीन रुपए बढ़ते हैं तो करीब पंद्रह लाख रुपए का माल प्रतिदिन बिक रहा है। जिसमें पांच लाख रुपए गुटखे पर हो रही कालाबाजारी का है।
दुकानदारों का कहना है कि गुटखों, जर्दा व पान मसाले की बिक्री में कोई फर्क नहीं आया है। केवल दाम में बढ़ोतरी हुई है। गुटखे पर कालीबाजारी शुरू हो गई। शनिवार तक जहां पान मसाला व जर्दा पांच के बजाय 7 रुपए में बिक रहा था। वहीं रविवार को बढकऱ 8 रुपए हो गया है। सरकार के निर्णय से जहां गुटखा खाने वालों पर तो कोई असर नहीं हुआ लेकिन गुटखा व्यापारियों की इस त्योहारी सीजन में चांदी हो गई है।