यहां मिली गड़बडिय़ां
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तीन वाई, 10 सरकारी, पांच डब्ल्यू, 13 एफएफ, 16 एएस, 54 एफबी, छह एम, कीकरवाली, बख्तावपुरा, सुखचैनपुरा, 11 एच, 10 बीएलएम व सात डीओएल स्कूल शामिल है। इसके अलावा राजकीय प्राथमिक विद्यालय 72 आरबी, 18 आरबी,17 व 18 एसडी, तीन आरबी बी,13 ईई, 20 ओ, एक आरटीएस, 9 एलएसएम, 3 पीजीएम,17 एएस, सात पी व चार पी, एक बीकेएम, राजकीय प्राथमिक विद्यालय संस्कृत मन्नीवाली, 20 बीबी प्रथम, 20 बीबी द्वितीय।
अप्रेल से मिलेगा दूध
मिड-डे मिल योजना में दलिया, दाल, चावल, खीचड़ी, चपाती व फल आदि उपलब्ध करवाया जाता है। अब सरकार ने मिड डे मील में दूध भी शामिल किया गया है। कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को एक अप्रेल से सप्ताह में तीन दिन बच्चे को 200 मिलीलीटर दूध उपलब्ध करवाया जाएगा।
नियमित नहीं होता निरीक्षण
मिड-डे मील का पूरा सिस्टम ऑनलाइन है। प्रतिदिन संस्था प्रधान को एसएमएस से जयपुर और जिला मुख्यालय पर सूचना देने होती है। जिले के हर अधिकारी को एक माह में पोषाहार निरीक्षण के लिए पांच से लेकर बीस तक लक्ष्य दिए हुए हैं। लेकिन, हकीकत यह है कि ठीक से निरीक्षण नहीं होता।
फैक्ट फाइल
जिले में पोषहार बनता है स्कूलों में- 1929-जिले में पोषाहार से लाभान्वित होते
हैं विद्यार्थी 1 लाख 43 हजार 513
-एक साल में पोषाहार पर राशि खर्च होती है- 20 करोड़
इतनी मिलती है राशि (प्रति विद्यार्थी)
-कक्षा एक से पांचवीं तक 4.13 पैसे
-कक्षा छह से आठवीं तक 6.18 पैसे
निरीक्षण किया 465 स्कूलों में
-परीक्षण के लिए अधिकारी लगाए 111
-जिले के स्कूलों में कमियां मिलीं 20
-जिले में पोषाहार पकाने वाले कुक- 3115
-प्रति कुक को पोषाहार पकाने की राशि मिलती है- 1200 रुपए
जिले के 465 सरकारी स्कूलों में पोषाहार की जांच की गई थी। इनमें से तीस स्कूलों में लेखा, रिकॉर्ड व फल वितण आदि की कमियां पाई गई हैं। संबंधित संस्था प्रधानों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा।
-हरचंद गोस्वामी, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) शिक्षा विभाग, श्रीगंगानगर।