सरकारी ढिलाई का शिकार जस्सासिंह मार्ग
सूरतगढ़ रोड पर हनुमान जी मूर्ति से पदमपुर रोड को मिलाने वाला जस्सासिंह मार्ग सरकारी ढिलाई का शिकार हो रहा है। शहर का यातायात दबाव कम करने के लिए यह मार्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है परन्तु प्रशासनिक उदासीनता के चलते वाहन चालक आए दिन हादसे के शिकार हो रहे हैं। दो किलोमीटर 700 मीटर लंबा यह सडक़ मार्ग हनुमान जी मूर्ति से कृषि मंडी समिति की सीमा तक आधा किलोमीटर तक मास्टर प्लान में 120 फीट चौड़ा है। जबकि यह मार्ग शेष एरिया में 80 फीट चौड़ा है। इस रोड पर 2016 में यूआइटी ने मंडी समिति की दीवार को अति
सरकारी ढिलाई का शिकार जस्सासिंह मार्ग
-यूआइटी की कमजोर पैरवी के चलते हो रही दुर्दशा
-शहर के यातायात नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है यह मार्ग
योगेश तिवाड़ी. श्रीगंगानगर. सूरतगढ़ रोड पर हनुमान जी मूर्ति से पदमपुर रोड को मिलाने वाला जस्सासिंह मार्ग सरकारी ढिलाई का शिकार हो रहा है। शहर का यातायात दबाव कम करने के लिए यह मार्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है परन्तु प्रशासनिक उदासीनता के चलते वाहन चालक आए दिन हादसे के शिकार हो रहे हैं।
दो किलोमीटर 700 मीटर लंबा यह सडक़ मार्ग हनुमान जी मूर्ति से कृषि मंडी समिति की सीमा तक आधा किलोमीटर तक मास्टर प्लान में 120 फीट चौड़ा है। जबकि यह मार्ग शेष एरिया में 80 फीट चौड़ा है। इस रोड पर 2016 में यूआइटी ने मंडी समिति की दीवार को अतिक्रमण मानते हुए तोड़ दिया था। तब से अब तक इस क्षेत्र में पुनर्निर्माण नहीं हुआ। इसी वर्ष वेदप्रकाश जोशी की हाईकोर्ट में याचिका पर इस मार्ग से अतिक्रमण हटाए गए। इसी दौरान कुछ लोगों ने स्टे ले लिया। लगभग पौने तीन किलोमीटर मार्ग में से करीब 250 मीटर पर यह रोड संकरी है और वहां आए दिन हादसे होते हैं।
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तीन किसानों ने करोड़ों की भूमि दान की
यातायात को और अधिक सुगम बनाने के लिए इस मार्ग पर तीन लोगों ने करोड़ों रुपए की भूमि यूआइटी को दान कर दी। कृषि पंडित बलवंत सिंह ने 60 गुणा 845 और जोरा परिवार और हरदीप सिंह जिलेदार के परिवार प्रत्येक ने 40 गुणा 825 फीट की भूमि दान की। इस पर यूआइटी ने हाथोहाथ संबंधित भूमि पर नाला निर्माण भी कर दिया परन्तु शेष मार्ग की दशा नहीं सुधरने से आमजन को परेशानी हो रही है।
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दिनभर में गुजरती है 200-250 बसें—
जिला यातायात सलाहकार समिति की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि शहर में ट्रैफिक समस्या को दूर करने के लिए शिव चौक से सुखाडिय़ा सर्किल, इस सर्किल से बीरबल चौक और वहां से कोडा चौक एरिया में बसों की एंट्री नहीं होगी। इस कारण प्राइवेट और रोडवेज बसों का संचालन पिछले तीन साल से जस्सासिंह मार्ग से होने लगा है। इस वजह से जस्सासिंह मार्ग से दिनभर में 200 से 250 निजी व रोडवेज बसें गुजरती है। यहां तक कि रोडवेज डिपो से भी बसों की आवाजाही भी इसी मार्ग से होने लगी हैं। ऐसे में इस मार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है।
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लगभग तीन दर्जन लोग बने विकास में भागीदार
इस मार्ग पर बसे लगभग तीन दर्जन लोगों ने किसी समय 100 रुपए स्टांप पर इकरारनामे से प्लाट खरीदे थे। लगभग साढ़े पांच साल पहले इन लोगों के प्लाट भी अतिक्रमण की जद में आ गए। इनके 20 गुणा चालीस के प्लाट सिर्फ 20 गुणा 13 के रह गए परन्तु इन्होंने जनहित में स्वेच्छा से अपने आशियाने तोड़ लिए।
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मैं फ्री में पैरवी करने को तैयार
इस मार्ग के उद्धार के लिए वर्षों से संघर्ष करने वाले पूर्व पार्षद व एडवोकेट सुरेन्द्र स्वामी हाईकोर्ट में फ्री में पैरवी करने के लिए तैयार है। इसके लिए उन्होंने यूआइटी को लिखित में दिया था परन्तु यूआइटी ने इसकी अनुमति नहीं दी। उनका आरोप है कि मजबूत पैरवी नहीं होने के कारण जनहित के इस मामले का समाधान नहीं हो रहा।
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आमजन को राहत के लिए निरंतर प्रयास
हमारी मंशा है कि आमजन को अधिक से अधिक राहत मिले। इसके लिए जस्सासिंह मार्ग पर विवादित जमीन पर कुछ लोगों से बातचीत भी की। मंडी समिति की जमीन के बारे में भी प्रयास हुए हैं। यूआइटी व मंडी समिति अधिकारियों को बिठाकर समाधान खोजा जाएगा। शेष हिस्से में फरवरी में जरूरत के अनुसार काम होगा।
-राजकुमार गौड़, विधायक, श्रीगंगानगर
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हम हाइकोर्ट में कर रहे पैरवी
हम हाइकोर्ट में मामले की पैरवी कर रहे हैं इसके लिए एडवोकेट भी तय कर रखा है परन्तु सुनवाई में विलंब होने से मामले में देरी होती जा रही है। यह बात सही है कि इस मार्ग पर आए दिन दुर्घटनाएं होती है। हम हादसे वाले फोटो भी हाईकोर्ट के वकील को भेजेते हैं। गैर विवादित एरिया में शीघ्र ही नाला व सडक़ निर्माण किया जाएगा।
–मंगतराय सेतिया, एक्सइएन,यूआइटी, श्रीगंगानगर
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