सरकार ने सरसों व चने की समर्थन मूल्य पर खरीद की सीमा 25 क्विंटल तय की है। श्रीगंगानगर जिले के संदर्भ में किसान संगठन खरीद सीमा को सही नहीं ठहरा रहे। उनका कहना है कि इस जिले में सरसों और चने का प्रति बीघा उत्पादन अन्य जिलों की तुलना में दुगना या ढाई गुना है। ऐसी स्थिति में इन दो जिन्सों की खरीद सीमा 25 क्ंिवटल रखी जाती है तो इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। ज्ञातव्य हो कि पिछले साल भी किसान संगठनों ने खरीद सीमा का विरोध करते हुए आंदोलन चलाया तो सरकार को खरीद सीमा बढ़ाकर 40 क्ंिवटल करनी पड़ी। किसान संगठनों की बैठक में पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, विधायक राजकुमार गौड़, किसान नेता पृथीपाल सिंह संधू, कालूराम थोरी, श्योपत मेघवाल, संतवीर सिंह मोहनपुरा, रणजीतसिंह राजू, सुभाष सहगल और अमर सिंह बिश्नोई सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
फायदा यह भी हुआ————- किसान नेताओं ने बताया कि पिछली बार भामाशाह कार्ड में परिवार के सभी सदस्यों को अलग-अलग इकाई मानने से किसानों की लगभग पूरी उपज समर्थन मूल्य पर बिक गई थी। इस बार अलग-अलग इकाई मानने की व्यवस्था नहीं होने से एक कार्ड एक इकाई मान कर खरीद की जाएगी, जिससे कोई भी किसान खरीद सीमा से ज्यादा उपज समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाएगा। किसान नेताओं ने बताया कि 27 मार्च को धरनास्थल पर ही आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी। धरने के लिए किसान नेताओं के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन कर उन्हें गांवों में जनसंपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डोटासरा का घेराव—————
डोटासरा का घेराव—————
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 26 मार्च को प्रस्तावित सूरतगढ़ दौरे के सिलसिले में शनिवार को यहां आए प्रभारी मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा का किसान नेताओं ने घेराव कर अपनी मांग से अवगत करवाया। प्रभारी मंत्री ने किसान नेताओं की पूरी बात सुनी और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार को उनकी मांग की जानकारी देकर उस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह करेंगे।