इससे नगर परिषद को मिलने वाले राजस्व का नुकसान होने लगा है। भाजपा नेता प्रहलाद टाक और उनके बेटे मनोज कुमार टाक के साथ इसके विपरीत हुआ। इन पिता पुत्र ने गौशाला मागज़् पर मकान नम्बर 112 व 113 जी ब्लॉक को आवासीय से व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए भवन निमाज़्ण की प्रक्रिया शुरू करनी चाही।
इसके लिए नगर परिषद ने इन दोनों से साढ़े बाइस लाख रुपए की राशि भी जमा करवा ली। यहां तक कि तत्कालीन आयुक्त ने अनुमति भी जारी कर दी लेकिन कानूनी अड़चन का हवाला देते हुए अब यह अनुमति वापस लेकर काम रोकने के नोटिस जारी कर दिए है।
इससे शहर के आठ भवन मालिकों में खलबली मच गई है। इस बीच भाजपा नेता टाक का कहना है कि उनका कसूर क्या है। नगर परिषद जितनी राशि के लिए आदेश किए उतनी राशि जमा कराई जा चुकी है। यहां तक कि अनुमति भी दी गई लेकिन अब विधि टिप्पणी का हवाला देकर इसे निरस्त बताया जा रहा है।
टाक ने भवन निमाज़्ण के लिए आवेदन 28 मई 2020 को किया। इसके बाद नगर परिषद में 16 अप्रेल 2020 को भू उपयोग परिवर्तन शुल्क और लीज राशि एक मुश्त 22 लाख 58 हजार 297 रुपए जमा कराए गए।
इस पर 21 अप्रेल 2020 को तत्कालीन आयुक्त प्रियंका बुडानिया ने इन दोनों भवनों को व्यवसायिक प्रयोजनाथज़् की अनुमति जारी कर दी। इस अनुमति मिलते ही टाक परिवार ने संबंधित भवन स्थल पर निमाज़्ण कायज़् शुरू भी करवा दिया। लेकिन अब इस भवन मालिक को नगर परिषद ने नियम विपरीत निमाज़्ण का कारण बताकर नोटिस जारी किए है।
नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष बबीता गौड़ और उनके पति पूवज़् पाषज़्द पवन गौड़ ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के जयपुर स्थित महानिदेशक को तत्कालीन आयुक्त बुडानिया के अलावा सभापति, विधिक पैरोकोर प्रेम चुघ, नगर नियोजक सहायक फरसाराम बिश्नोई, कनिष्ठ सहायक अभियंता अमनदीप कौर, बीकानेर जोन के वरिष्ठ नगर नियोजक अनिल माथुर के खिलाफ परिवाद दायर कर शिकायत की।
इसमें आठ भवनों को नियम कायदों की अनदेखी कर भू उपयोग परिवर्तन का आरोप लगाया।