थर्मल की इकाइयों में कोयला संकट देखते हुए परियोजना प्रशासन में चिंता का माहौल है। कोयले की आपूर्ति में सुधार के लिए जयपुर मुख्यालय को अवगत करवाया गया है। वहीं नवनिर्मित सुपर क्रिटिकल इकाइयों में भेजा गया कोयला ट्रको से वापस मंगवाया जा रहा है।
मंगलवार तक परियोजना के बंकरों में मात्र 13 हजार मीट्रिक टन कोयला स्टॉक उपलब्ध था। कोल स्टॉक के लिए बना कोयला यार्ड पूरी तरह से खाली हो चुका था।
जानकारों के अनुसार सुदूरवर्ती परियोजना होने के कारण सूरतगढ थर्मल में 15 से 20 दिन का कोयला भंडारण होना चाहिए। लम्बे समय से मात्र एक या दो इकाईयों से बिजली उत्पादन होने के कारण परियोजना में कोल आपूर्ति कम कर दी गई थी। पिछले कुछ दिन से लगातार पांच इकाईयों से बिजली उत्पादन होने और कोयले की कम आपूर्ति के कारण कोल यार्ड पूरी तरह खाली हो चुका है।
जानकारों के अनुसार सुदूरवर्ती परियोजना होने के कारण सूरतगढ थर्मल में 15 से 20 दिन का कोयला भंडारण होना चाहिए। लम्बे समय से मात्र एक या दो इकाईयों से बिजली उत्पादन होने के कारण परियोजना में कोल आपूर्ति कम कर दी गई थी। पिछले कुछ दिन से लगातार पांच इकाईयों से बिजली उत्पादन होने और कोयले की कम आपूर्ति के कारण कोल यार्ड पूरी तरह खाली हो चुका है।
कोल आपूर्ति की स्थिति प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में उत्पादन कर रही 250 -250 मेगावाट की पांचों इकाइयों से बिजली उत्पादन के लिए प्रतिदिन पांच रैक कोयले की आवश्यकता होती है जबकि परियोजना में सोमवार को मात्र एक कोयले की गाड़ी पहुंची थी। मंगलवार को कोयला खदानों से कोयले के कुछ रैक परियोजना के लिए पाइप लाइन में थे। जानकारों के अनुसार यदि बिना रुकावट के कोयले की गाडिय़ां चलती रही तो प्रतिदिन तीन से चार कोल रैक परियोजना में पहुंचेंगे।
सुपर क्रिटिकल इकाइयों से मंगवाया कोयला नव निर्मित 660-660 मेगवाट की सातवीं और आठवीं सुपर क्रिटिकल इकाईयों में रेलवे ट्रेक और कोल हैंडलिंग प्लांट निर्माणाधीन होने के कारण वर्तमान में उत्पादन कर रही इकाईयों से ट्रको से वहां कोयला भेजा जा रहा था। सोमवार को परियोजना में कोयला स्टॉक लगभग समाप्त होने पर सुपर क्रिटिकल इकाइयों से वापस कोयला मंगवाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार मंगलवार को करीब 2500 मीट्रिक टन कोयला सुपर क्रिटिकल इकाइयों से मंगवाया जा चुका है।
खराब प्रबंधन का आरोप सूरतगढ़ विद्युत उत्पादन मजदूर यूनियन इंटक के अध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा ने उत्पादन निगम प्रशासन पर खराब प्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा है कि निगम प्रशासन की अदूरदर्शिता और प्रबंधन संबंधी खामियों के कारण सूरतगढ तापीय परियोजना को कोयला संकट झेलना पड़ रहा है।
कर रहे हैं कोयले की व्यवस्था सूरतगढ़ तापीय परियोजना के मुख्य अभियंता हरि बाबू गुप्ता ने बताया कि पर्याप्त कोयला आपूर्ति नही होने के कारण परियोजना में कोयले की कमी हुई है। नव निर्मित सुपर क्रिटिकल इकाइयों से कोयला मंगवाया जा रहा है। कोयला आपूर्ति में सुधार के लिए जयपुर मुख्यालय सहित कोयला खदानों और रेलवे को सूचित किया गया है। वर्तमान में कोयले के 19 रैक कोयला खदानों से थर्मल के लिए रवाना हुए है। रोजाना चार कोयला रैक थर्मल पहुँचेने की उम्मीद है।