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श्री गंगानगर

लॉकडाउन: बिना कॉपी,किताब और स्टेशनरी के पढ़ रहे हैं विद्यार्थी

स्कूली बच्चों के पास सत्र 2020-21 की कॉपी, किताबें नहीं पहुंच पाई

श्री गंगानगरApr 09, 2020 / 09:39 pm

Krishan chauhan

लॉकडाउन: बिना कॉपी,किताब और स्टेशनरी के पढ़ रहे हैं विद्यार्थी

लॉकडाउन: बिना कॉपी,किताब और स्टेशनरी के पढ़ रहे हैं विद्यार्थी

लॉकडाउन: बिना कॉपी,किताब और स्टेशनरी के पढ़ रहे हैं विद्यार्थी

पत्रिका एक्सक्लूसिव
श्रीगंगानगर.देश के लाखों विद्यार्थी केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों की विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत हैं। बाजार बंद होने से स्टेशनरी उद्योग ठप है। विद्यार्थियों की पढ़ाई का एकमात्र साधन मोबाइल या ई-मेल है।लॉकडाउन के चलते देशभर में कॉलेज-यूनिवर्सिटी और बोर्ड की परीक्षाएं प्रभावित है। सर्वाधिक असर इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों पर पड़ा है। इनमें सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और अन्य संस्थानों के छात्र-छात्राएं हैं। इन विद्यार्थियों को जेईई मेन, जेईई एडवांस और नीट परीक्षा देनी है।
ना कॉपियां हैं,ना किताबें
हरसाल 1 अप्रेल से सीबीएसई से सम्बद्ध स्कूल में नया सत्र शुरू हो जाता है। इनमें केजी से आठवीं, नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थी शामिल होते हैं। बच्चे और अभिभावक मार्च से ही नई किताबें-कॉपियां, स्कूल ड्रेस, बैग और अन्य सामान खरीदते हैं, ताकि कोई परेशानी नहीं हो। इस बार देशव्यापी लॉकडाउन के चलते बाजार-दुकानें बंद हैं। स्कूली बच्चों के पास सत्र 2020-21 की कॉपी, किताबें नहीं पहुंच पाई हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई ही एकमात्र सहारा

लॉकडाउन के कारण पढ़ाई का नुकसान नहीं हो इसके लिए सीबीएससी, आरबीएससी व अन्य संस्थान और विभाग विद्यार्थियों को ऑनलाइन वीडियो,कंटेट स्त्रोत आदि भेजकर टिप्स दे रहे हैं। स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए मोबाइल या कंप्यूटर ही मददगार साबित हो रहे हैं। विद्यार्थी इनसे अपनी स्कूल, कोचिंग क्लास और शिक्षकों से जुडकऱ कोर्स के विभिन्न बिंदुओं और कठिनाइयों का समाधान पूछ रहे हैं। टेस्ट सीरीज और मॉडल पेपर को भी ई-मेल या वॉट्सएप पर भेजा जा रहा है।इससे विद्यार्थियों को परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिल रही है।
विद्यार्थियों के सामने हैं ये मुश्किलें

-बाजार बंद होने से नहीं मिल रहीं पाठ्यक्रम की किताबें
-कॉपी, पेपर और स्टेशनरी की हो रही है कमी
-लाइब्रेरी का नहीं कर पा रहे हैं इस्तेमाल
-समूह चर्चा के लिए सोशल मीडिया एकमात्र विकल्प
-विषयवार कठिनाइयों के लिए शिक्षकों की अनउपलब्धता
सामान्यत: हर साल प्रकाशकों से मार्च में नई किताबें-कॉपियां बाजार में पहुंच जाती थीं। इस बार लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्ट या गोदाम में ही माल अटका हुआ है।

अशोक कुमार शर्मा,बुक डिपो, श्रीगंगानगर ।


पुरानी किताबों का करें इस्तेमाल

वर्तमान में बच्चों के लिए घर पर रहकर पढ़ाई और परीक्षा तैयारी जारी रखना भी आवश्यक है विद्यार्थी एनसीआरटी की वेबसाइट से कक्षा 1 से 12 की ई-बुक डाउनलोड कर सकते हैं विभाग ने शाला दर्पण पोर्टल पर भी ई-कंटेट उपलब्ध करवाया है इसके अलावा विद्यार्थी अपने आसपास रहने वाले सीनियर विद्यार्थियों की मदद लेकर पुरानी किताबों से भी अध्ययन कर सकते हैं।
-भूपेश वशिष्ठ सहसंयोजक जिला समान परीक्षा योजना माध्यमिक शिक्षा,श्रीगंगानगर ।

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