श्री गंगानगर

बलात्कार के बाद हत्या, फिर लाश के साथ घिनौना काम करने वाले दरिंदे को उम्रकैद

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श्री गंगानगरSep 04, 2018 / 07:53 pm

santosh

Minor Gangrape 3 arrested

श्रीगंगानगर। न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण प्रकरण एवं अनुसूचित जाति, जनजाति की पीठासीन अधिकारी संदीप कौर ने नाबालिग की हत्या व पोस्को एक्ट में एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा व पचास हजार रुपए के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है।
 

रोपी ने नाबालिग के गुप्तांगों को दरांती से काटकर क्षतिग्रस्त कर दिया और उसके चेहरे पर तेजाब डालकर शव को नहर में फेंक दिया था। विशिष्ट लोक अभियोजक बनवारीलाल कडेला ने बताया कि घमुडवाली थाना इलाके में बींझबायला में एक नाबालिग घरों में काम करने जाती थी।
 

वहीं पड़ोस में एक मकान में निर्माण कार्य चल रहा था। यहां 27 एमएल साजनवाला पदमपुर निवासी बलविंद्र सिंह उर्फ कुलविंद्र सिंह पुत्र कलवंत सिंह चिनाई मिस्त्री का कार्य करने जाता था। वहीं नाबालिग से उसकी जान पहचान हो गई। 22 अगस्त 2014 को घर से काम करने गई नाबालिग शाम तक नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश की और पुलिस को सूचना दी।
 

23 अगस्त बारहमासी नहर जीवनदेसर पीएस हैड के आगे नाबालिग की लाश मिली थी। मृतका के पिता की ओर से पहचान के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने अनुसंधान कर आरोपी बलविंद्र उर्फ कुलविंद्र सिंह को 16 सितंबर 2014 को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने अनुसंधान के बाद आरोपी के खिलाफ धारा 363, 364, 366, 369, 302, 376, 201, एससी,एसटी व पोस्को एक्ट प्रस्तावित कर चालान पेश किया था।
 

मामले में आरोपी नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले गया और बाइक पर बैठाकर खेत में ले गया, जहां उसने उससे बलात्कार किया और हत्या कर दी। आरोपी ने दरांती से उसके गुप्तांग काट दिए तथा सबूत मिटाने को चेहरे पर तेजाब डाल दिया। इसके बाद शव को नहर में फेंक दिया था। लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में नाबालिग के गुप्तांग काटने के कारण मेडिकल बलात्कार की पुष्टि नहीं कर पाया। इसके चलते आरोपी पर नाबालिग की हत्या व सबूत मिटाने के आरोपों को अदालत ने प्रमाणित मानकर मंगलवार को आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए अर्थ दण्ड की सजा सुनाई। आरोपी 16 सितंबर 2014 से ही न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है।
 

परिजन हो गए थे पक्षद्रोही
लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में 110 दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रदर्शित किए गए। इसके अलावा 39 गवाहों के बयान हुए थे। ट्रायल के दौरान मृतका के माता-पिता व परिजन पक्षद्रोही हो गए थे। लेकिन गवाहों के बयानों व पुलिस जांच, एफएसएल रिपोर्ट और बहस में आरोप प्रमाणित हुए।
 

एफएसएल रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव
लोक अभियोजक ने बताया कि इस प्रकरण में बरामद दरांती, आरोपी की बाइक की डिक्की, मौके पर जमा खून व आरोपी के कपड़ों पर मिले खून के नमूनों को एफएसएल जांच के लिए भेजा गया था। जिसकी एफएसएल रिपोर्ट में सभी खून के नूमनों का मिलान होना पाया गया। इससे आरोप पुष्ट होते चले गए।

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