प्रदेश के बाहर से आने वाले प्रवासियों पर चिकित्सा विभाग पैनी नजर रखे हुए है। शुक्रवार रात इलाके में आने वाले एक ऐसे रोगी के सैंपल लिए गए जो हरियाणा में ऐसी हॉस्पिटल में भर्ती था जहां पहले से एक कोरोना संदिग्ध का उपचार चल रहा था। श्रीगंगानगर में एक निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए पहुंचने पर चिकित्सालय प्रशासन ने इसकी जानकारी तत्काल राजकीय जिला चिकित्सालय को दी और इसका सैंपल लिया गया। वहीं शुक्रवार रात महाराष्ट्र से आए दो रोगियों को होम क्वॉरंटीन किया गया। इसके अलावा तेलंगाना से आए छह रोगियों में से दो के सैंपल लिए गए। महाराष्ट्र से आई एक बस में पूना, मुम्बई और जयपुर आदि इलाकों के बीस कोरोना संदिग्ध थे। इनके भी सैपल लिए गए।
इलाके में जो कोरोना पॉजिटिव मिला है उसके दो परिजनों और जिस बस में वह आया उसके चालक और परिचालक की सैंपल रिपोर्ट तो नेेगेटिव आ चुकी है। इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव के शेष रहे पांच में से चार परिजनों के सैंपल शनिवार को लिए गए। श्रीगंगानगर में जो कोरोना पॉजिटिव पाया गया है उसके साथ गांव जोगीवाला का एक चिकित्साकर्मी भी उसी बस में श्रीगंगानगर आया था। ऐसे में उसका भी सैंपल लिया गया है। कोरोना पॉजिटिव रोगी के परिजनों में एक बालक अभी शेष है, जिसका सैंपल नहीं लिया गया है।
श्रीगंगानगर में 17 मई को पहुंचने के बाद कोरोना पॉजिटिव शहर के एक चिकित्सक के पास उपचार के लिए गया था। ऐसे में उस चिकित्सक का भी सैंपल लिया गया। अब शहर के लोगों की नजर इन प्रवासियों और कोरोना पॉजिटिव रोगी के परिजनों की सैंपल रिपोर्ट पर है। इलाके के ग्रीन जोन से बाहर होने के बाद से अब इलाकावासी प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह से शहर में अगले कुछ समय तक कोई नया रोगी सामने नहीं आए। इसके लिए वे स्वंय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, मास्क लगा रहे हैं तथा जरूरत होने पर ही बाहर निकल रहे हैं।