जिसको लेकर नागरिक लगातार विरोध व धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसको लेकर चार दिन पूर्व कांग्रेस पदाधिकारियों व वार्डवासियों ने धरना लगाकर कार्य रूकवा दिया था। नागरिकों ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से सडक़ के सैम्पल जांच करवाने के बाद ही निर्माण कार्य पुन: प्रारंभ करवाने की मांग की थी। इसके बावजूद गुरुवार को बिना सैम्पल जांच के ही ठेका फर्म ने कार्य फिर से प्रारंभ कर दिया। जिससे आक्रोशित नागरिकों ने पूर्व विधायक गंगाजल मील के नेतृत्व में कार्य रूकवाते हुए धरना लगा दिया। इसकी सूचना मिलने पर उपखण्ड अधिकारी सीता शर्मा, नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी जुबेर खां सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से वार्ता की।
नागरिकों ने सडक़ निर्माण में घटिया सामग्री की जांच करवाने तथा सीवरेज चैम्बरों को लेवल में करने संबंधित समस्याओं पर कार्यवाही नहीं होने पर रोष प्रकट किया। उपखंड अधिकारी ने सार्वजानिक निर्माण विभाग के अधिकारीयों से सडक़ के सैंपल भरकर सील करवाते हुए नागरिकों के हस्ताक्षर करवाने तथा अधिकारियों की मौजूदगी में चैम्बरों को लेवल में करने के निर्देश दिए। जिसके बाद नागरिक शांत हुए और धरना हटाया। जिसके बाद जाम खुलने से वाहनचालकों ने राहत की सांस ली। इस अवसर पर पूर्व पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल, गुरदर्शनसिंह सोढ़ी, अशोक भट्ट सहित दुकानदार मौजूद थे।
एडीएम को ज्ञापन इससे पूर्व पूर्व विधायक गंगाजल मील ने अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर श्रीगंगानगर बाइपास सडक़ के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। ज्ञापन में पूर्व विधायक ने बताया कि सीवरेजन निर्माणकारी कम्पनी मॉन्टी कार्लो की ओर से सन इंफ्रा को सडक़ निर्माण का कार्य दिया गया था। जहां से यह कार्य एक स्थानीय ठेकेदार को दिया गया है। नियमानुसार सीवरेज डालने के दौरान जितनी सडक़ तोड़ी जाएगी, उसका पुन: तकमीना के अनुसार ही कार्य करवाने के मापदण्ड हैं।
लेकिन नगरपालिका स्वयं ही पूरी सडक़ पर रि कारपेट का कार्य करवा रही है। पूर्व विधायक ने कारपेट सडक़, सीसी सडक़, सीवरेज आदि निर्माण कार्यों का जी शेड्यूल मापदण्ड, तकमीना मय प्लान क्रो सैक्शन आदि सार्वजनिक करते हुए जांच की मांग की है। ज्ञापन में पूर्व विधायक ने मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।