शहर के आसपास के मुख्य मार्गों पर पुलिस की ओर से स्पीडो मीटर से वाहनों की रफ्तार नापी जाती है। मीटर की रेंज में आते ही मशीन वाहन के नंबर व रफ्तार को ट्रेस कर लेती है। जिस पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार तीस किलोमीटर प्रति घंटा है और वाहन यदि इससे पांच-दस किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रहा है तो कोई खास दिक्कत नहीं होती। लेकिन, यदि वाहन की रफ्तार निर्धारित से दस किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक है तो उसको रुकवाकर कार्रवाई कर वाहन को सीज कर दिया जाता है। पुलिस लगातार होने वाली कार्रवाई के बाद भी जागरुकता के अभाव व जल्दबाजी के चलते वाहनों की रफ्तार कम नहीं हो पा रही। आए दिन शहर के आसपास के मुख्य मार्गों पर तेज गति से चलते वाहन किसी ना किसी को टक्कर मार जाते हैं। धुंध के कारण तो यह समस्या अधिक गंभीर हो जाती है। पिछले दिनों धुंध के कारण तेज रफ्तार वाहनों के टकराने की कई घटनाएं हुई हैं।
पुलिस ने थामी डेढ़ हजार वाहनों की रफ्तार
– यातायात पुलिस की ओर से शहर व शहर के आसपास मुख्य मार्गों पर इंटरसेप्टर वाहन में लगे स्पीडो मीटर से रफ्तार नापकर पिछले करीब दस माह में 1739 वाहनों की जांच की गई। जांच के दौरान 1564 वाहनों के चालान किए गए। इसके अलावा पुलिस की ओर से दस माह में 40 हजार 604 वाहनों पर बिना हेलमेट, ओवरस्पीड, नशे में वाहन चलान सहित अन्य कार्रवाई की गई।
इनका कहना है
– हादसे रोकने के लिए यातायात पुलिस की ओर से ओवर स्पीड वाहनों पर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। पुलिस की दो इंटरसेप्टर गाडिय़ां शहर व शहर के बाद मुख्य मार्गों पर वाहनों की जांच करती हैं। ओवरस्पीड पाए जाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
सुशील कुमार, यातायात प्रभारी श्रीगंगानगर।