मंडी समिति आने पर परिजनों को पता चला कि ट्रैक्टर, बैलगाड़ी एवं ऊंटगाड़ी पर होने के समय दुर्घटना में ही सहायता राशि का प्रावधान है। उनका कहना था कि पुलिस की रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि मृतक मोटरसाइकिल पर कृषि कार्य के लिए ही जा रहा था, ग्रामीण भी इसके साक्षी है। ऐसा होने के बावजूद पात्र नहीं मानना व्यावहारिक नहीं है। इस पर मंडीकर्मियों ने कहा कि वे विधिवत आवेदन मिलने के बाद उच्चाधिकारियों को अवगत करवा देंगे।
उल्लेखनीय है कि कृषि विपणन विभाग की राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना में मृत्यु एवं घायल होने पर सहायता राशि देने का प्रावधान है। इसका बिन्दु संख्या 9 स्पष्ट नहीं है। इसमें लिखा है कि ‘काश्तकार/खेतीहर मजदूर के कृषि प्रयोजनार्थ ट्रैक्टर, बैलगाड़ी, ऊंटगाड़ी आदि से घर से खेत में जाते/आते दुर्घटना होने पर मृत्यु या अंग-भंग होने पर’ सहायता राशि दी जाएगी।
जानकारों के अनुसार इस प्रावधान के आखिर में ‘आदि’ लिखा है लेकिन स्पष्ट कुछ नहीं है। राज्य में पूर्व में कई मामलों में ट्रैक्टर, बैलगाड़ी एवं ऊंटगाड़ी के अलावा अन्य दूसरे वाहन पर सहायता राशि मंजूर नहीं की गई है।
योजना के तहत पात्र आवेदनों में मृत्यु के मामले में आश्रित को एक लाख रुपए की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। अंग भंग होने पर अलग-अलग मामलों में पांच हजार रुपए से लेकर पचास हजार रुपए तक की सहायता राशि दी जाती है। सहायता राशि स्वीकृत करने के लिए संबंधित मंडी समिति के अध्यक्ष या प्रशासक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई हुई है। मंडी समिति सचिव इसके सदस्य सचिव होते हैं तथा एक सदस्य के रूप में जिला कलक्टर के प्रतिनिधि होते हैं।
-किसान और खेतीहर मजदूर मोटरसाइकिल और साइकिल का काफी इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में सिर्फ इस आधार पर सहायता राशि का पात्र नहीं मानना उचित नहीं है, सरकार को आवश्यक संशोधन तुरंत करना चाहिए’
अनूपसिंह रामगढिय़ा, पूर्व डायरेक्टर, जिला परिषद।
अनूपसिंह रामगढिय़ा, पूर्व डायरेक्टर, जिला परिषद।
-कुछ किसान कृषक साथी सहायता योजना के संबंध में मिले हैं। इन्होंने अभी तक विधिवत आवेदन नहीं दिया है। मिलने के बाद पूरा अध्ययन किया जाएगा और नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी’
रमेश कुक्कड़, सहायक सचिव, कृषि उपज मंडी समिति (अनाज)।
रमेश कुक्कड़, सहायक सचिव, कृषि उपज मंडी समिति (अनाज)।