नगर परिषद प्रशासन की बागडोर अब किसी के पास नहीं है। हालांकि कार्यालय अधीक्षक लीलाधर बसंल वैकल्पिक कामकाज के लिए व्यवस्था देख रहे है लेकिन आयुक्त की हैसीयत से अधिकार नहीं है। कर्मचारियों के अवकाश लेने संबंधित अर्जियों पर साइन तक नहीं हो रहे है। वहीं कामकाज की मॉनीटरिंग के लिए जेईएन सिद्धार्थ जांदू को भिजवाया जा रहा है। आयुक्त प्रियंका बुडानिया पच्चीस दिन अवकाश के लिए स्वायत्त शासन विभाग जयपुर के निदेशक से मंजूरी ली थी, आयुक्त का चार्ज नगर परिषद सचिव विश्वास गोदारा की बजाय एसडीएम उम्मेद सिह रतनू को देने के आदेश जारी करवाए गए।
लेकिन एसडीएम ने नगर पालिका चुनाव में केसरीसिंहपुर का रिर्टनिग अधिकारी होने के नाते पहले से ही व्यस्तता बताते हुए चार्ज लेने से इंकार कर दिया। सचिव गोदारा बीमार होने पर छु्टटी पर चले गए। वहीं एक्सईएन महेश गोयल ने भी आयुक्त का चार्ज लेने से दूर से रामरमी कर दी। लेखाधिकारी अशोक नागपाल ने खुद को इस पद के लिए तैयार नहीं होने की बात कहकर यह चार्ज लेना स्वीकारा नहीं।
आयुक्त बुडानिया के एसीबी की ओर से उनके सरकारी आवास की जांच के लिए तलब किया गया था, वे आई भी लेकिन आयुक्त के रूप में कामकाज नहीं किया। इस बीच नगर परिषद के कार्यालय अधीक्षक बसंल ने बताया कि आयुक्त का चार्ज किसी के पास नहीं है, इस संबंध में जिला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है।
डीएलबी को भी जिला प्रशासन के माध्यम से सूचना भिजवाई जा चुकी है। इसके बावजूद नगर परिषद के आयुक्त का चार्ज लेेने के लिए कोई अधिकारी स्वीकार नहीं कर रहा है।