इस संबंध में ग्रामीण क्षेत्र के पोलिंग बूथों पर नियुक्त प्रगणको ने एक एक मतदाता का सत्यापन कार्य शुरू किया। इस दौरान जिला प्रशासन ने पिछले दिनों निकाय चुनाव में वोटिंग करने वाले मतदाताओं के वोट ग्रामीण क्षेत्र में नहीं बनाने के मौखिक आदेश दिए है।
इस आदेश की पालना के लिए अब ग्रामीण क्षेत्र में उन लोगो के वोट नहीं बन रहे है जिन्होंने पिछले दिनों नगर परिषद या नगर पालिका के लिए वोट दिए है। इसके बावजूद ग्राम पंचायत क्षेत्र में वोटर लिस्ट उलझ गई है। कई लोगों ने अपने वोट शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में बनवा लिए है तो वहीं कईयों ने अपने वोट अपने परिचितों के यहां वोट शिफ्ट करवाए है।
ग्राम पंचायत 5 ई छोटी में कई मतदाताओं के नाम संशोधित मतदाता सूची में आ गए है। इस संबंध में बीएलओ और प्रगणक भी हैरान है।सुदामानगर के पास स्थित गजानंद विहार कॉलोनी के कई वोटरों के नाम महावीर कॉलोनी और सिद्धार्थ नगर की भाग संख्या में अंकित किया गया है।
इन वोटरों के बारे में संबंधित प्रगणकों ने भी अनभिज्ञता जाहिर की है। इसी तरह सद्भावनगर के कई वोटरों के नाम हनुमान चौक एरिया की कॉलोनियों के मतदाताओं के साथ जोड़ गए है। इस संबंध में रविवार को नाईवाला गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के पोलिंग बूथ पर संबंधित प्रगंणकों से सरपंच के दावेदार सवाल जवाब करते नजर आए।
पिछले दिनों वार्ड 43 में ऐसे वोटर भी है जिन्हेांने तब वार्ड पार्षद के लिए वोटिंग की थी लेकिन उनके नाम अब ग्राम पंचायत 5 ई छोटी की वोटर लिस्ट में है। इन वोटरों पर आपत्तियां दर्ज कराई है।
संबंधित लोगों का कहना था कि वोटर लिस्ट पिछले पंचायत चुनाव को देखते हुए प्रकाशन की जा रही है जबकि निकाय चुनाव में इन वोटरों के नाम शामिल किए गए थे। ऐसे में दो जगह वोट कैेसे बन सकता है। ज्ञात रहे कि पिछले पंचायत चुनाव में आनंद विहार कॉलोनी, गणपतिनगर, पूजा कॉलोनी का कुछ एरिया शामिल था लेकिन इस बार निकाय चुनाव में इस एरिया के वोटर शामिल हो गए थे। इस वजह से यह गलफत भी बनी हुई है। सुबह से शाम तक करो ड्यूटियां पंचायत चुनाव के लिए मतदाता केन्द्रों पर मतदाता सूची के दावे और आपतियां मांगने के दौरान कई शिक्षकों की डयूटियां लगाई है।
इन शिक्षकों का कहना है कि सुबह साढ़े नौ बजे से चार बजे तक स्कूल टाइम है जबकि एसडीएम की ओर से जारी किए गए आदेश में दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक पोलिंग बूथों पर डयूटियां करनी है।
महिला शिक्षकों की जानबूझकर डयूटियां लगाई है जबकि संबंधित स्कूलो में एलडीसी और यूडीसी व ग्राम पंचायत सहायक पुरुष भी है। इन महिला शिक्षकों का कहना है कि संबंधित अधिकारियों के अधीनस्थ कर्मचारी ही डयूटियां लगाने का काम कर रहे है जबकि पुरुष लिपिकों को छूट दे रखी है।
महिला शिक्षक सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक डयूटियां कैसे कर पाएगी। इस संबंध में कई महिला शिक्षकों ने ज्ञापन भी दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। संबंधित शिक्षक संघों ने भी चुप्पी साध ली है।