इस बुजुर्ग ने उस समय अपनी पीड़ा व्यक्त की जब शनिवार को गुड शैपर्ड पब्लिक स्कूल में अभिभावकों की ओर से घेराव किया जा रहा था। यह बुजुर्ग ने स्कूल के प्रबंध समिति अध्यक्ष मानव चिमनी के समक्ष अपनी बात कही तो वहां उपस्थित अन्य अभिभावकों ने उस स्कूल वैन के कंडक्टर को उसी समय लाकर पिटाई करने की चेतावनी दी। स्कूल संचालक ने ऐसे कंडक्टर को पहले ही हटा देने की बात कही।
इस दौरान एक और अभिभावक ने अपनी पीड़ा जताई। उसका कहना था कि स्कूल की वैन में ड्राइवर साठ साल पार उम्रदाराज को नौकरी पर रखा हुआ है, इस बुजुर्ग ड्राइवर ने शराब के नशे में उसकी कार में आकर टक्कर मारी। जब स्कूल के संचालक तक बात कही तो वह राजीनामे के लिए दवाब देने लग गया। इस स्कूल परिसर में शनिवार सुबह आठ बजे से सुबह साढ़े ग्यारह बजे पीड़ित अभिभावकों ने अपनी पीड़ा बताने का सिलसिला जारी रखा।
वहीं अभिभावक संघ के अध्यक्ष बॉबी पहलवान की अगुवाई में अभिभावकों का कहना था कि शुक्रवार को तीन साल की बच्ची के साथ स्कूल के चालक ने जिस घटनाक्रम को अंजाम दिया वह शर्मसार करना वाला है। ऐसे अपराधी स्कूल की सिफारिश पर रखे जाते है तो हमारी बेटियां सुरक्षित कैसे रह पाएगी।
उनका कहना था कि जब तक राज्य सरकार और परिवहन विभाग के नियम कायदों की पालना स्कूल संचालक नहीं करवाते है तब तक कोई वार्ता नहीं होगी। अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया। सूचना मिलते ही सदर पुलिस का स्टाफ दो वाहनों में स्कूल कैम्पस में तैनात रहा। सीआई राजेश सिहाग सहित कई पुलिस अफसर वहां मौजूद थे।
-कागजों में 22 सीटर लेकिन बिठाते है 36 बच्चे अभिभावक संघ का आरोप था कि इस स्कूल की बालवाहिनियों में बच्चों को बकरियों की तरह ठुंस ठुंस कर भरकर लाया जाता है। स्कूल की बालवाहिनियां 22 सीटर है, इसकी अनुमति भी है लेकिन हकीकत में 36 बच्चे एक बालवाहिनी में लाए जा रहे है, इस संबंध में डीटीओ, डीईओ, ट्रैफिक पुलिस थाना प्रभारी, एडीएम सिटी, एसपी आदि अफसरों को सूचना होने के बावजूद एक्शन नहीं लिया जाता है।
इस मौके पर संयुक्त व्यापर मंडल के नरेश सेतिया, तेजेन्द्रपाल सिंह टिम्मा, पार्षद डा.भरतपाल मय्यर, भाजपा नेत्री अंजू सैनी, श्रीराम तलवार, बार संघ के पूर्व अध्यक्ष मलकीयत सिंह नंदा, नगर परिषद की पूर्व सभापति मनिन्दर कौर नंदा, अधिवक्ता रांझा सिंह आदि मौजूद थे।