जयपुर व अजमेर जैसे शहरों में जहां दुपहिया वाहनों पर चालक के साथ ही बैठने वाले के लिए हेलमेट अनिवार्य है लेकिन श्रीगंगानगर में चालक भी हेलमेट नहीं लगाते हैं। पुरुषों के साथ ही महिलाएं एवं युवतियां भी बिना हेलमेट के वाहन चला रही हैं। पुलिसकर्मियों का कहना है कि दुपहिया वाहन चालकों को हादसे के दौरान सिर में चोट से बचाव हो सके, इसलिए हेलमेट के लिए सख्ती की जाती है लेकिन बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाकर लोग खुद ही अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। समय-समय पर समझाइस व चालान आदि की कार्रवाई भी की जाती है लेकिन इसके बाद भी लोग हेलमेट को स्वेच्छा से अपनी आदत नहीं बना पा रहे।
हेलमेट की आदत डालने को किए 11862 चालान
– वर्ष 2017 के दौरान पुलिस की ओर से शहर में दुपहिया वाहन चालकों के खिलाफ की कार्रवाई के दौरान 11862 चालान किए गए। इसके अलावा पुलिस ने साल भर में अभियान चलाकर हजारों लोगों को बिना हेलमेट के रोका और उनको समझाइस कर हेलमेट लगाने के लिए जागरुक किया।
सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों के 3294 चालान
– पुलिस की ओर से अभियान चलाकर शहर व हाइवे पर चौपहिया वाहनों में बिना सीट बेल्ट लगाए वाहन चलाते पाए जाने पर कार्रवाई की गई। पुलिस की ओर से इस कार्रवाई के दौरान एक साल में 3294 वाहनों के चालान किए। इस अभियान को नए साल में ओर तेज किया जाएगा।
नए साल में सख्ती
– पुलिसकर्मियों ने बताया कि पुलिस की ओर से अभी तक को समझाइस व जागरुकता के प्रयास किए जा रहे थे लेकिन अब नए साल में बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों पर सख्ती हो सकती है। इसके लिए पुलिस की ओर से अधिकारियों से चर्चा चल रही है।
इनका कहना है
– पुलिस ने एक साल में बिना हेलमेट व बिना सीटबेल्ट के वाहनों पर कार्रवाई की गई। नए साल में हेलमेट नहीं पहनने वालों पर सख्ती की जाएगी और हेलमेट नहीं पहनने वालों के वाहनों पर कार्रवाई होगी।
सुशील कुमार, यातायात प्रभारी श्रीगंगानगर।