केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के खजाने में 72 रुपए प्रति लीटर की दर से एकत्र किया जा रहा है, इसकी भरपाई वाहन चालकों को मजबूरन चुकानी पड़ रही है, इसके खिलाफ कोई भी राजनीतिक दल विरोध नहीं कर रहा है। अब तक पेट्रोल डीजल को संबंधित ऑयल कंपनियां अपने डिपो से पेट्रोल पंप तक पहुंचाने के एवज में परिवहन व्यय खुद वहन करती थी लेकिन अब यह राशि सीधे उपभोक्ताओं से की जा रही है।
यह प्रक्रिया राज्य सरकार ने की हुई है। इस कारण जयपुर में सस्ता और हमारे जिले में पेट्रोल 1 रुपए 40 महंगी दर पर बिक रहा है। पेट्रोलियम डीलसज़् ने इस परिवहन व्यय को लेकर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की लेकिन राज्य सरकार ने चुप करा दिया। संबंधित अधिकारियों ने डीलर्स को तर्क दिया कि जब उपभोक्ता ही शिकायत नहीं करते है तो डीलर्स को किस आधार पर शिकायत करने का हक है। ऐसे में यह निर्णय लागू हो गया।
इस बीच, श्रीगंगानगर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आशुतोष गुप्ता ने बताया कि गैस सिलेंडर की तरह पेट्रो पदर्थों के परिवहन खर्च को भी पूल अकाउंट में डालना चाहिए। पेट्रो कंपनियां पहले पहुंच करती थी लेकिन अब परिवहन खचज़् उपभोक्ता पर डाल दिया है। गुप्ता ने बताया कि गैस सिलेण्डर प्रदेश के किसी भी जिले या शहर या कस्बे से खरीदेंगे तो एक ही दाम पर मिलेगा लेकिन पेट्रोल और डीजल की दर हर तीस किमी की दूरी पर बदल रही है।
छह किमी दूरी पर सस्ते पेट्रोल-डीजल जिला मुख्यालय से महज छह किमी दूर पर पंजाब में पेट्रोल और डीजल सस्ती दर पर बिक रहे है। रविवार को पंजाब में पेट्रोल 87.98 रुपए प्रति लीटर और डीजल 78.16 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा था। जबकि जिला मुख्यालय पर पेट्रोल 97.69 रुपए प्रति लीटर और डीजल 89.39 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा था।