पुलिस लाइन में थानों के बाल कल्याण अधिकारियों को प्रशिक्षण देने आईं अंताक्षरी फाउंडेशन की नॉलेज हब कॉर्डिनेटर दीपल सोलंकी ने बताया कि बाल संरक्षण को लेकर अब आवाज उठने लगी है। पहले बाल संरक्षण को लेकर लोगों में जागरुकता का अभाव था लेकिन अब लोग भी जागरुक हो गए हैं। बाल संरक्षण को लेकर अब एक्टों को लेकर लोगों को जानकारी होने लगी है। वहीं संस्थाएं व इससे जुड़े लोगों के प्रयासों से प्रदेश में अच्छा काम हुआ है। कुछ समय बाल संरक्षण को लेकर सभी थानों में बाल कल्याण अधिकारी नियुक्ति करने के निर्देश पुलिस मुख्यालय ने दिए थे। इसको लेकर प्रदेश में अच्छा कार्य हुआ है। प्रदेश के सभी जिलों के थानों में बाल कल्याण अधिकारी नियुक्तियां हो चुकी है। बाल संरक्षण को लेकर बेहतर कार्य कर रहे हैं। यह काफी जिम्मेदारी का कार्य है। जिसको थानों के बाल कल्याण अधिकारी सही तरीके से कर रहे हैं।
वहीं जिलों के बाल कल्याण अधिकारियों को बाल संरक्षण को लेकर प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। प्रथम फेज में चल रहे प्रशिक्षण कार्यशालाओं में उनको थाने में आने वाले बालकों से किस तरह व्यवहार करें, उनको उम्र के हिसाब से कहां रखा जाए, बाल संरक्षण के नियम क्या हैं और बालकों से कैसे काउंसलिंग की जाए। बाल श्रम से किस तरह बालकों को मुक्त कराया आए और क्या सावधानियां बरती जाए। इसकी जानकारी दी जा रही है। अभी यह प्रशिक्षण कार्यशालाएं प्रदेश के बारह जिलों में हो चुकी है। सभी जिलों में पूरी होने के बाद इसका अगला चरण शुरू किया जाएगा। जिसमें पुलिस, शिक्षा विभाग, संस्थाएं, मेडिकल सहित संबंधित विभागों के लोगों की बैठें की जाएगी और उनको बाल संरक्षण के एक्टों की जानकारी दी जाएगी।