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मांगों पर अड़े नेता, नहीं हुआ पोस्टमार्टम

locationश्री गंगानगरPublished: May 08, 2018 10:03:22 pm

Submitted by:

vikas meel

-टिप्पर ड्राइवर की मौत का मामला-तीन दौर की समझौता वार्ता विफल
-नगर परिषद के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर

meeting

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श्रीगंगानगर.

मृतक अस्थाई ठेका कर्मी के परिजनों को समुचित मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर सफाई कर्मचारी यूनियन के नेता मंगलवार को दूसरे दिन भी अड़े रहे। मृतक ओमप्रकाश के शव का दूसरे दिन मंगलवार को भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। सफाई कर्मचारियों द्वारा हड़ताल पर जाने के बाद नगर परिषद का मंत्रालयिक स्टाफ भी उनके समर्थन में अवकाश लेकर आंदोलन में शामिल हो गया।

 

प्रशासनिक अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से तीन बार समझौता वार्ता की, जो सिरे नहीं चढ़ी। सफाई कर्मचारी और अन्य नेता मृतक के आश्रित को नगर परिषद में स्थाई नौकरी दिए जाने की मांग करते रहे। उल्लेखनीय है कि सोमवार को कचरा उठाव टिप्पर (ऑटो) के कंटेनर के नीचे दबने से टिप्पर ड्राइवर ओमप्रकाश की मौत हो गई थी। मृतक सफाई ठेकेदार के पास संविदा कर्मचारी था।

 

नगर परिषद में मंगलवार सुबह सफाई कर्मचारियों ने नगर परिषद आयुक्त और चेयरमैन कक्ष के बाहर धरना शुरू कर दिया, जो बाद में सभा में तब्दील हो गया। कई पार्षदों समेत कांगे्रसी नेताओं ने कहा कि जब तक मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी नहीं दी जाती, तब तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया जाएगा और सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इस पर दोपहर में एडीएम सिटी वीरेन्द्र वर्मा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करतार सिंह पूनिया, नगर परिषद आयुक्त सुनीता चौधरी और सभापति अजय चाण्डक ने आंदोलनकारियों के नेताओं को नगर परिषद के सभाकक्ष में वार्ता के लिए आमंत्रित किया। वार्ता में पूर्व सभापति जगदीश जांदू, कांगे्रसी नेता राजकुमार गौड़, रमजान अली चोपदार, सलीम अली चोपदार, प्रेम नायक, नगर परिषद के पूर्व सभापति श्याम धारीवाल, सफाई कर्मचारी नेता पे्रम भाटिया, बंटी वाल्मीकि, अशोक मुजराल, कमला बिश्नोई आदि ने मृतक की पत्नी को नगर परिषद में स्थाई कर्मचारी के रूप में नियुक्ति देने की मांग की।

 

ठुकरा दिया प्रस्ताव

दूसरी वार्ता में प्रशासन की तरफ से जिला परिषद के सीईओ करतारसिंह पूनिया शामिल हुए। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि मृतक की पत्नी को आजीविका विकास मिशन में संविदा कर्मी के रूप में नियुक्ति दे दी जाएगी। नगर परिषद पांच लाख रुपए की सहायता राशि का चेक भी देगी। आश्रित को सरकारी नौकरी दिए जाने का प्रस्ताव भी डीएलबी को भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव को आंदोलनकारी नेताओं ने खारिज कर दिया।

 

तीसरे दौर की वार्ता भी विफल
नगर परिषद में शाम 5.30 बजे समझौता वार्ता फिर शुरू हुई। इसमें एसडीएम यशपाल आहूजा ने भाग लिया। प्रशासन की ओर से मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये का चेक देने तथा आश्रित के दो सदस्यों को संविदा पर रखने का भरोसा दिलाया गया, लेकिन आंदोलनकारी नेताओं ने इस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया। नेताओं ने कहा कि बुधवार सुबह आगामी रणनीति बनाई जाएगी। वार्ता में नगर परिषद चेयरमैन, आयुक्त, जगदीश जांदू, राजकुमार गौड़ सहित यूनियन के नेता शामिल हुए।

 

डीएलबी को प्रस्ताव भेजा

नगर परिषद आयुक्त ने स्थानीय निकाय के निदेशक को पत्र लिखकर ओमप्रकाश के परिजनों को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता एवं आश्रित परिवार के एक पात्र सदस्य को सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्ति करने के संबंध में पत्र लिखा है। आयुक्त के मुताबिक सोमवार को बोर्ड की विशेष बैठक में भी इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया है।

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