लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बावजूद शहर के अलग अलग वार्डो में 3 करोड़ 3 लाख 57 हजार रुपए के बजट से इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने का काम चल रहा है, इसके बावजूद गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। नगर परिषद की निर्माण शाखा के रिकॉर्ड के अनुसार शहर के 17 स्थानों पर इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने का काम को ठेकेदारों ने आचार संहिता लगने के उपरांत शुरू किए है, जबकि इन निर्माण कार्यो के ठेके के वर्क ऑर्डर तो पिछले साल हो चुके थे। नगर परिषद के खजाने में वित्तीय वर्ष समाप्ति के दौरान जैसे ही बजट आया तो ठेकेदारों ने निर्माण कार्य कराने के लिए अपनी चुप्पी तोड़ दी है। हालांकि इनकी जांचने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों को है, वे चुनावी डयूटी में व्यस्तता बताकर कन्नी काटने लगे है।
इधर, गौशाला मार्ग और लक्कड़मंडी के अलावा जवाहरनगर सैक्टर दो और तीन में घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के आगे इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने का काम इतना अधिक तेजी से चला कि तीन महीने की समय अवधि का काम सात दिन में निपटा दिया। इन टाइल्स बिछाने से पहले सीमेंट और बजरी जैसे निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करने की बजाय ठेकेदार ने मिट्टी से जगह समतल कर वहां टाइल्स बिछा दी। जैसे ही बरसात हुई तो बरसाती पानी से मिट्टी बह गए, ऐसे में टाइल्स का यह फर्श धंस गया। जहां अधिक घटिया क्वालिटी की टाइल्स लगी थी वहां पानी से गीली हुई और उस पर जैसे ही कार या अन्य वाहन गुजरे तो वह चकनाचूर हो गई। गौशाला मार्ग और तहसील रोड पर टाइल्स के धंसे हुए फर्श घटिया सामग्री की हकीकत बयां कर रहे है।
यही हाल शहर के उन पार्को का है, जहां ठेकेदारों ने सौन्दर्यीकरण की आड़ में टाइल्स बिछाने का काम किया है। करीब दो सप्ताह में शहर के अधिकांश इलाके में टाइल्स उखड़ गई है तो कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। लेकिन नगर परिषद के अभियंताओं ने इन ठेकेदारों के बिलों के भुगतान करने की अनुशंषा तक कर डाली है।
जवाहरनगर इंदिरा वाटिका से लेकर अरोडवंश पब्लिक स्कूल के कॉर्नर तक, वहीं सैक्टर दो जवाहरनगर में अग्रसेन स्कूल से लेकर इंदिरा वाटिका के कॉर्नर तक इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने का काम पिछले सप्ताह किया गया था। इसी तरह गौशाला मार्ग पर भाटिया पेट्रोल पंप से लेकर बीरबल चौक तक इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने के लिए ठेकेदार ने मनमर्जी से निर्माण कराया। इन तीनों स्थानों पर सीमेंट की बजाय मिट्टी के गारे से इंटरलोकिंग्स टाइल्स बिछाने में वहां मिस्त्रियों ने परहेज नहीं किया। इस संबंध में जागरूक नागरिकों ने नगर परिषद प्रशासन और अभियंताओं को शिकायत भी की लेकिन एक्शन लेने की बजाय ठेकेदारों की पीठ थपथपा कर काम जारी रखने की आदेश दे दिया। नतीजन अब बरसाती पानी से मिट्टी बह गए और जहां जहां टाइल्स लगी थी वहां वहां फर्श धंस गया।